गाजियाबाद। संपत्तिकर जमा न करने वाले तकरीबन दो हजार बकाएदारों की सूची नगर निगम ने बना ली है। जिम्मेदारों का कहना है कि ऐसे बकाएदारों की संपत्ति सील की जाएगी। इन बकाएदारों में सरकारी विभाग भी शामिल हैं, कुछ केंद्रीय तो कुछ राज्य स्तरीय विभाग हैं।
नगर निगम के अफसरों के मुताबिक 250 करोड़ रुपये से अधिक केंद्रीय और राज्य सरकार के अधीन आने वाले महकमों पर बकाया हैं। बड़े बकायेदारों में 1400 ऐसे हैं जिन्होंने 15 साल से संपत्तिकर जमा ही नहीं किया। इनमें दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी), रेलवे, सीआईएसएफ और दूर संचार विभाग जैसे बड़े केंद्र सरकार के अधीन कार्यालयों के अलावा विद्युत विभाग, कलक्ट्रेट और जीडीए भी शामिल हैं। एक दिसंबर से नगर निगम सभी पांचों जोन में अभियान चलाकर संपत्ति सील करने की कार्रवाई शुरू करेगा।
संपत्तिकर और सर्विस चार्ज नहीं देने में सरकारी विभाग आगे हैं। अकेले ऊर्जा निगम पर 112 करोड़ रुपये से ज्यादा संपत्तिकर बकाया है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी का कहना है कि हर साल नोटिस भेजा जाता है। ऊर्जा निगम को अब तक पांच बार नोटिस भेजा जा चुका है। यही हाल दिल्ली मेट्रो रेल निगम का है। दिल्ली मेट्रो ने चार-पांच साल का सर्विस चार्ज नहीं दिया है। करीब 75 करोड़ रुपये मेट्रो पर बकाया हैं। वैशाली और कौशांबी मेट्रो पर 22 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। औद्योगिक और व्यवसायिक क्षेत्र के बकायेदारों की संख्या सबसे अधिक है।
चार हजार संपत्तियां हो चुकीं सील
पिछले साल बकाया जमा नहीं करने पर नगर निगम ने चार हजार संपत्तियां सील की थीं। सबसे ज्यादा संपत्तियां वसुंधरा जोन में थीं। दूसरे नंबर पर कवि नगर और तीसरे नंबर पर विजय नगर जोन था। मोहन नगर और सिटी जोन में भी करीब 500 संपत्तियां सील की गई थीं। पिछले साल कुल 206 करोड़ रुपये संपत्तिकर के रूप में वसूले गए थे। 10 साल से संपत्तिकर जमा नहीं करने पर 1800 लोगों की संपत्तियों के सीवर और जल कनेक्शन काट दिए गए थे। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने बताया कि कनेक्शन कटने के बाद लोगों ने बकाया जमा भी किया।
टीमें गठित, एक दिसंबर से अभियान
एक दिसंबर से पांचों जोन में बड़े बकायेदारों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। प्रत्येक जोन में जोनल अधिकारी के नेतृत्व में टीम बनाई गई हैं। करीब 1468 बड़े बकायेदारों की पहचान की गई है। इन पर 101 करोड़ बकाया है। पहले नोटिस भेजा जा चुका है। अब सीलिंग की कार्रवाई होगी।
Discussion about this post