साहिबाबाद। शहर की हवा एक बार फिर बेहद जहरीली हो गई है। इस साल में यह तीसरी बार है जब हवा की गुणवत्ता बेहद गंभीर हालत में पहुंची है। आलम यह है कि देश के प्रदूषित शहरों में अपना शहर पांचवें नंबर पर रहा। अब लोगों की सांसें उखड़ने लगी हैं। वहीं हवा की रफ्तार भी बेहद कम है।
जिले का एक्यूआई शुक्रवार को 401 रिकार्ड किया गया। वायुमंडल में धूल और मिट्टी के कणों की परत जमीं रहीं। सुबह से ही आंखों में जलन के साथ लोगों की सांसें उखड़ रही थीं। सबसे खराब हालत इंदिरापुरम और लोनी की रही। दोनों स्टेशन पर एक्यूआई 400 का स्तर पार रहा। प्रदूषण की यह स्थिति वायुमंडल में हवा की गति रुकने से हुई। सुबह 11 बजे तक शहर में हवा तीन किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही थी। ऐसे में सुबह नौ बजे शहर का एक्यूआई 389 रहा। दोपहर 12 बजे के बाद भी प्रदूषण में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहा। शाम पांच बजे एक्यूआई 392 से बढ़कर बेहद गंभीर श्रेणी में 401 पहुंच गया।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि इससे पहले जनवरी और फिर नवंबर में दिवाली से पहले शहर का एक्यूआई 400 का स्तर पार कर बेहद गंभीर श्रेणी में रिकॉर्ड हुआ था।
लोनी-इंदिरापुरम में सांस लेना दूभर
चिंता की बात यह है कि हवा की गति अगले एक-दो दिन बढ़ने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में लोगों को दिक्कत झेलनी पड़ सकती है। हवा के प्रभाव से ही लोनी-इंदिरापुरम स्टेशन पर प्रदूषण का आपातकाल हो गया। बृहस्पतिवार को इंदिरापुरम और लोनी में जो एक्यूआई 393 व 385 था वो शनिवार को 460 और 412 पर पहुंच गया। प्रदूषण की यह स्थिति जिम्मेदार अधिकारियों के रवैये की वजह से है, जो ग्रैप की पाबंदियों को पूरा कराने में नाकाम हो रहे हैं।
नियमों के पालन पर फोकस
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रिय प्रबंधक विकास मिश्र ने बताया कि प्रदूशण की स्थिति नियंत्रित करने के लिए सभी विभागों के अधिकारियों को ग्रैप के नियमों को सूचीबद्ध करके भेज दिया है। हवा की रफ्तार रुकने से वायुमंडल में प्रदूषण के कण फैल रहे हैं। टीम लगातार प्रदूषण कम करने का काम कर रही है।