गाजियाबाद। पुलिस ने ठगी करने वाले तीन शातिरों को पकड़ा है। शातिरों ने अभी तक करोड़ों की ठगी की घटनाएं की हैं। इनके पास से दो लाख कैश समेत तीन गाड़ियां व कई क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड बरामद हुए हैं।
अपर पुलिस उपायुक्त (अपराध) सच्चिदानंद ने बताया कि पकड़े गए आरोपी गौरव दुआ निवासी धामपुर बिजनौर, विजय कश्यप निवासी पटियाली एटा और दिनेश कुमार निवासी काहिरा बुलंदशहर हैं। थाना इंदिरापुरम में जुलाई महीने में 1.65 करोड़ रुपए के फ्रॉड का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। इस केस की जांच साइबर क्राइम सेल को सौंपी गई। लंबी जांच-पड़ताल के बाद पुलिस इस गैंग तक पहुंच पाई और गुरुवार को तीनों आरोपियों को वसुंधरा सेक्टर-एक स्थित एलिवेटेड पुल के नीचे से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में गौरव दुआ ने बताया, मैं अपेक्स कंस्ट्रक्शन साइट पर स्टोर मैनेजर के रूप में कार्यरत था। वहां दो साल पहले मेरी मुलाकात सोनू चौहान उर्फ धर्मेंद्र से हुई। सोनू ने मुझे बताया कि वो नोएडा सेक्टर-132 में कॉल सेंटर चलाता है। सोनू मुझे इस कॉल सेंटर पर ले गया और अपने काम में मुझे भी जोड़ लिया। यहां तीन टीमें कार्यरत थीं। हर टीम में कुछ पुरुष और लड़कियां थे। लड़कियां कोरियर और बीमा पॉलिसी कराने के नाम पर लोगों को फोन करती थीं और उनसे पैसा ऐंठ लेती थीं। इस काम में जो पैसा आता है, वो 25-25 फीसदी के हिसाब से चार लोगों में बंटता है। विजय कश्यप ने बताया, श्मैं पहले चांट की दुकान चलाता था। कोरोना के दौर में दुकान बंद हो गई। फिर मैं एलईडी टीवी की सप्लाई करने लगा। साल-2021 में मेरी दुकान पर सोनू चौहान उर्फ धर्मेंद्र टीवी खरीदने आया, तभी उससे मुलाकात हो गई। सोनू चौहान को मैंने कुछ बैंक खाते दिए, जिसमें वो ठगी का पैसा डालता था। खाते में आने वाले पैसे का 15 फीसदी हिस्सा विजय खुद रखता था।
ऐसे करते थे ठगी
आरोपियों ने कबूला कि कभी वो इंश्योरेंस पालिसी के बहाने लोगों से अकाउंट में रुपये डलवा लेते थे। जबकि कभी लोगों को फोन करके बताते कि उनका पार्सल आया है। उस पर स्टांप नहीं लगा है, स्टांप के रुपये ये लोग अपने खातों में ट्रांसफर कराते हुए ठगी करते थे।
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