जी-20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन: पीएम हम सभी मुद्दों के प्रति संवेदनशील: मोदी

नई दिल्ली। जी-20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि जब मैंने इस वर्चुअल समिट का प्रस्ताव रखा था तब मुझे पूर्वानुमान नहीं था कि आज की वैश्विक स्थिति कैसी होगी। पश्चिमी एशिया क्षेत्र में अस्थिरता और असुरक्षा की स्थिति हम सब के लिए चिंता का विषय है। आज हम सभी का एक साथ आना इस बात का प्रतीक है कि हम सभी मुद्दों के प्रति संवेदनशील हैं और इनके समाधान के लिए एक साथ खड़े हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा 21वीं सदी के विश्व को आगे बढ़ते हुए ग्लोबल साउथ की चिंताओं को प्राथमिकता देनी होगी। ग्लोबल साउथ के देश ऐसी अनेक कठिनाइयों से गुजर रहे हैं जिनके लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं। समय की मांग है कि हम विकास एजेंडे को अपना पूर्ण समर्थन दें। पूरी दुनिया में एआई के नेगेटिव इस्तेमाल को लेकर चिंता बढ़ रही है। भारत की स्पष्ट सोच है कि एआई के वैश्विक रेगुलेशन को लेकर हमें मिलकर काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि डीपफेक समाज और व्यक्ति के लिए कितना खतरनाक है इसकी गंभीरता को समझते हुए हमें आगे बढ़ना होगा। अगले महीने भारत में ग्लोबल एआई पार्टनरशिप समिट का आयोजन किया जा रहा है, मुझे उम्मीद है कि आप सब इसमें भी सहयोग देंगे।हमने विकासात्मक एजेंडा के अलावा वैश्विक परिस्थितियां और उनके आर्थिक-सामाजिक प्रभाव पर भी विचार साझा किए। कहा कि मैं ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डी सिल्वा को जी 20 की अध्यक्षता के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्वास है कि ब्राज़ील की अध्यक्षता में हम मानवतावादी अप्रोच के साथ आगे बढ़ेंगे और वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से एकजुट होकर वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

विदेशमंत्री ने दी बधाई
-विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आज का वर्चुअल जी 20 शिखर सम्मेलन संपन्न हो गया है। सभी 21 सदस्यों ने बैठक में भाग लिया। चर्चाएं सार्थक व बहुत उपयोगी रहीं। सभी नेताओं ने भारत की जी-20 की अध्यक्षता के सफल संचालन के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के बाद से भू-राजनीतिक विकास हुए हैं।

एजेंडे के बिंदुओं को दोहराया गया
वर्चुअल जी 20 शिखर सम्मेलन पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा आज जी 20 वित्त ट्रैक से संबंधित मुद्दों पर पांच मुख्य एजेंडा बिंदुओं में से हर एक को दोहराया गया था, जिस पर साल भर चर्चा हुई थी। उनका स्वागत किया गया। डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, क्रिप्टो संपत्ति, जलवायु वित्त और कल के शहरों के वित्तपोषण के लिए रोड मैप पर चर्चा हुई। कई एमडीबी पहले से ही नवीन वित्त जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के विकल्प तलाश रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट का स्वागत किया गया है। इसके कई पहलू पहले से ही निर्धारित हैं। बोर्ड प्रत्येक बैंक के लिए इसे अपना रहा है।

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