हम अपना भविष्य खुद बनाएंगे और अपनी किस्मत खुद तय करेंगे: मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के दूसरे सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा एक साल के भीतर ग्लोबल साउथ के दो समिट होना और उसमें आप सभी का जुड़ना अपने आप में दुनिया के लिए बहुत बड़ा संदेश है।

ये संदेश है कि ग्लोबल साउथ अपनी स्वायत्तता चाहता है। ये संदेश है कि ग्लोबल साउथ वैश्विक मामलों में बड़ी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है। आज इस समिट ने हमें एक बार फिर अपनी साझा अपेक्षाओं और आकांक्षाओं पर चर्चा करने का अवसर दिया है। भारत को गर्व है कि हमें ळ20 जैसे महत्वपूर्ण मंच पर ग्लोबल साउथ की आवाज को एजेंडा पर रखने का अवसर मिला। प्रधानमंत्री ने कहा पहली वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में मैंने कुछ प्रतिबद्धताओं की बात की थी। मुझे खुशी है कि हमने उनमें से प्रत्येक पर प्रगति की है। आज ग्लोबल साउथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को लॉन्च किया गया। ये केंद्र विकासशील देशों के विकासात्मक मुद्दों से संबंधित अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस पहल के माध्यम से ग्लोबल साउथ में समस्याओं का व्यावहारिक समाधान खोजा जाएगा। वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के समापन लीडर्स सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हमें एक भविष्य की दिशा में और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास की भावना के साथ काम करना चाहिए। हम अपना भविष्य खुद बनाएंगे और अपनी किस्मत खुद तय करेंगे। सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता आज कल्याण की गारंटी है। हमें गरीबी मिटानी है और इसके साथ-साथ जमीन की भी रक्षा करनी है।

130 देशों के शामिल होने पर पीएम ने जताई खुशी
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज पूरे दिन चली इस समिट में, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देशों से लेकर अफ्रिका, एशिया और पैसेफिक आईलैंड से करीब 130 देशों ने भाग लिया है। वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, हम सभी देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया क्षेत्र की घटनाओं से नई चुनौतियां उभर रही हैं।

पीएम के दृष्टिकोण का विस्तार
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा थीम के संदर्भ में सबके विश्वास के साथ सबका विकास, जो अनिवार्य रूप से भारत के वासुदेव कुटुमकुम के दर्शन को प्रतिध्वनित करता है। यह पीएम मोदी के श्सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वासश् दृष्टिकोण का विस्तार है।

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