गाजियाबाद। तकरीबन एक दशक से अटके पड़े नॉर्दन पेरिफेरल रोड (एनपीआर) पर जल्द काम शुरू होने की अटकलें हैं। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के निर्देश पर जीडीए के अफसरों ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में इस पर काम शुरू हो सकता है। काम पूरा होने के बाद गाजियाबाद की कनेक्टिविटी दिल्ली व एनसीआर एरिया से काफी मजबूत हो जाएगी।
नॉर्दन पेरिफेरल रोड पर लगभग 10 साल पहले काम शुरू हुआ था लेकिन यह पूरा प्रोजक्ट फाइलों में सिमटकर रह गया था। वजह थी कि इसके लिए बजट का अभाव था। बार-बार यह मुद्दा उठता और शांत हो जाता था। कभी जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकता से यह दूर रहा तो कभी विभागीय लापरवाही की भेंट यह प्रोजक्ट चढ़ता रहा। हालांकि इसकी डिमांड लगातार बनी रही। व्यापारी से लेकर आम आदमी समेत नौकरीपेशा तबके के लोग इसकी मांग इसलिए उठाते रहे, क्योंकि इस प्रोजक्ट के बाद जहां एक ओर यहां के लोगों को जाम से निजात मिलती। वहीं यहां के लोग सीधे तौर पर एनएच-9 को दिल्ली-मेरठ हाइवे और फिर लोनी तक जुड़ जाते।
ऐसा है पूरा प्रोजक्ट
जिक्ऱ खर्च का करें तो इस प्रॉजेक्ट पर शुरूआत में करीब 466.46 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद थी। एनएच-9 से दिल्ली-मेरठ हाईवे तक के 6.40 किमी एनपीआर प्रॉजेक्ट के निर्माण पर 223.92 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि दिल्ली-मेरठ हाइवे से लोनी की ओर 3.5 किमी एनपीआर रोड व 6.26 किमी लंबी राजनगर एक्सटेंशन आउटर रिंग रोड पर 242.54 करोड़ खर्च होना है। साल 2013 में इस प्रोजक्ट को मंजूरी मिल चुकी हैै। हालांकि कनवर्जन कास्ट बढ़ने के कारण प्रोजेक्ट और महंगा हो सकता है।
ये होंगे मुख्य फायदे
जीडीए के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के जरिए गाजियाबाद का राजनगर एक्सटेंशन सीधे दिल्ली से जुड़ जाएगा। साथ ही इसे एनएच-9, हापुड़ रोड और मेरठ हाईवे से भी कनेक्ट किया जाएगा। इस रास्ते का सबसे बड़ा फ़ायदा राजनगर एक्सटेंशन में रहने वाले लाखों परिवारों को मिलेगा। अभी राजनगर एक्सटेंशन की सड़कों पर ट्रैफ़िक का भारी दबाव रहता है। अक्सर ट्रैफ़िक जाम लगा रहता है। नई सड़क राजनगर एक्सटेंशन को ट्रैफ़िक जाम से मुक्ति दिलाएगी।