टनल हादसा: ऑगर मशीन से 20 मीटर तक डाला गया पाइप, सीएम ने की समीक्षा

उत्तराखंड। उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल धंसने से फंसे 40 मजदूरों को रेस्क्यू करने के लिए ऑगर मशीन से ड्रिलिंग रेस्क्यू शुरू कर दिया गया है। मशीन द्वारा लगातार मलवा हटाकर टनल के अंदर छह फीट के पाइप पहुंच जा रहे हैं, ताकि टनल में फंसे मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला जा सके। टनल में फंसे मजदूरों की रेस्क्यू को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समीक्षा भी की है।

अधिकारियों ने बताया कि अब तक मशीन द्वारा 30 मीटर तक मलबा हटाया जा चुका है। टनल में कुछ हिस्सा कमजोर होने की वजह से कम धीमी गति से किया जा रहा है ताकि दिक्कत न हो। टनल धंसने से रविवार 12 नवंबर से 40 मजदूर फंसे हुए हैं। शासन प्रशासन द्वारा फंसे मजदूरों को पाइपलाइन के माध्यम से खाना ऑक्सीजन और जीवन रक्षा दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं। टनल में फंसे कुछ मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है। हालांकि शासन सभी मजदूरों के स्वस्थ होने की बात कह रहा है और उनसे संपर्क भी हो रहा है। ऑगर मशीन के अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 200 लोगों की टीम लगातार रेस्क्यू में जुटी हुई है। इसके अलावा मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना को भी लगाया गया है। शासन द्वारा टनल में फंसे मजदूरों के परिवार वालों से संवाद करके उन्हें भरोसा दिलाया जा रहा है कि जो लोग टनल में फंसे उन्हें वह जल्दी निकाल लेंगे।

केंद्रीय मंत्री निरीक्षण को पहुंचे
उत्तरकाशी टनल दुर्घटनास्थल पर चल रहे बचाव अभियान का केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने निरीक्षण किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा हमारी प्राथमिकता है कि फंसे हुए लोग सुरक्षित रहें और उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए और उसके लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि ये बचाव कार्य 2-3 दिन में पूरा हो जाए। सभी एक्सपर्ट से बातचीत करके हमारा पूरा प्रयास है कि मजदूरों को जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए। उनसे मेरी बात हुई है। हम सब तरह के विकल्प देख रहे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होगा।

रेस्क्यू की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उत्तरकाशी टनल दुर्घटना के बाद सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए चल रहे राहत और बचाव कार्य की समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा मशीन इंस्टॉल हो गई है और वहां काम शुरु हो गया है। सभी एक-दूसरे के समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। स्थिति थोड़ी कठिन है। सभी लोगों से लगातार संपर्क हो रहा है और उनके लिए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सभी लोग सुरक्षित हैं।

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