उत्तराखंड। उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्क्यारा डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन टनल धंसने से फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए 72 घण्टे से रेस्क्यू चल रहा है, लेकिन अभी रेस्क्यू कर रहीं टीमों को सफलता नहीं मिल पा रही।
टनल में फंसे मजदूरों की अब तबियत भी बिगड़ने लगी है। कुछ मजदूरों को बुखार, बदन दर्द व घबराहट होने की खबर मिलने पर तुरंत दवाएं पाइप के जरिए भेजीं गई। एक पर्चे में उन्हें दवा लेने की सही सलाह भी लिखकर भेजी गई है। दवाइयां के अलावा टनल में फंसे मजदूरों के लिए पाइप द्वारा खाना पानी और ऑक्सीजन की भी व्यवस्था लगातार भेजी जा रही है। सीडीओ गौरव कुमार ने बताया कि मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू तेजी से चलाया जा रहा है। रेस्क्यू के दौरान ऊपर से मिट्टी और पत्थर गिरने की वजह से थोड़ी दिक्कत आ रही है। अभी तक सभी मजदूर अंदर सही बताए जा रहे हैं हमारी कोशिश है कि रेस्क्यू टीमें जल्दी सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लेंगी। टनल में फंसे 40 मजदूरों को रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, बीआरओ और नेशनल हाईवे के 200 से ज्यादा लोग लगे हुए हैं।
टनल में फंसे हैं इन राज्यों के मजदूर
निर्माण के दौरान टनल धंस गया। जिसमें 40 मजदूर फंस गए, जो कि बिहार, उत्तर प्रदेश,झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, असम,हिमाचल के रहने वाले हैं। सूत्रों ने बताया कि कुछ मजदूर बाहर है जो रेस्क्यू को सफल न होने को लेकर आक्रोश दिखा रहे हैं। बाहर खड़े मजदूरों का कहना है कि अगर जल्दी रेस्क्यू नहीं हुआ तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
सभी मजदूर सुरक्षित है मुख्यमंत्री
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना पर कहा जो श्रमिक अंदर फंसे हुए हैं उनके परिवारों से भी बात हुई है। सभी वहां सुरक्षित हैं। जल्द से जल्द वह सुरक्षित बाहर आ जाएं, हम सब इसी काम में लगे हुए हैं। लगातार भोजन, पानी और ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। भारत सरकार से लगातार बातचीत हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी खुद पूरी घटना को नजदीक से देख रहे हैं।
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