गाजियाबाद। फ्लैट का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैनामा कराकर कुछ लोगों ने बैंक से 88 लाख रुपये का लोन निकाल लिया। फ्लैट मालिक महिला को इसकी भनक उस वक्त लगी, जब बैंक से रिकवरी का नोटिस उसके पास आया। मामले की शिकायत पर पुलिस ने इस मामले में बैंक मैनेजर समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
दिल्ली के कौशांबी की रहने वाली महिला सरोज की ओर से दर्ज मुकदमे के मुताबिक आरोपियों ने किसी अन्य महिला को फ्लैट मालिक बताकर फर्जी हस्ताक्षर कराए। फिर फ्लैट के फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर बैनामा करा लिया। इन्हीं दस्तावेज पर बैंक कर्मचारियों से मिलीभगत कर खाता खुलवाया और सरोज के नाम पर तीन बैंक शाखाओं से 88 लाख रुपए का लोन ले लिया। शुरुआत में किस्त दी और फिर कुछ समय बाद किस्त रोक दी। सरोज को बैंक से सूचना मिलने पर इस फर्जीवाड़े का पता चला। उन्होंने पुलिस से मामले की शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। फिर न्यायालय की शरण ली।
तीन बैंकों के मैनेजर भी फंसे
डीसीपी ट्रांस हिंडन शुभम पटेल ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर तरुण त्यागी निवासी जनसत्ता अपार्टमेंट वसुंधरा, हरमिंदर निवासी घास मंडी दिल्ली, विजय निवासी न्यू कोट गाजियाबाद, विनोद निवासी कोल अलीगढ़ और ओवरसीज बैंक शाखा संसद मार्ग नई दिल्ली, ब्रांच मैनेजर यश बैंक वैशाली, ब्रांच मैनेजर हिंदूजा हाउसिंग फाइनेंस नेताजी सुभाष पैलेस पीतमपुरा के ब्रांच मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले में जांच कराकर कार्रवाई की जा रही है।
दूसरी महिला के कराते थे साइन
भुक्तभोगी के मुताबिक उसके नाम के फर्जी दस्तावेज आरोपियों ने किसी तरह बनवा लिए। जबकि लोन लेते वक्त एक अन्य महिला को बैंक में ले जाकर खड़ा कर देते थे। वही महिला दस्तावेजों पर साइन बनाती और रकम निकाली जाती थी। पुलिस फिलहाल पूरे मामले की जांच कर रही है।
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