गाजीपुर। माफिया मुख्तार अंसारी को एमपीएमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर के मुकदमे में 10 साल कारावास की सजा सुनाई है। फैसला सुनाने के दौरान आरोपी पर कोर्ट ने पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। गुरुवार को मुख्तार को कोर्ट ने इस मामले में दोशी करार दिया था।
गाजीपुर के करंडा थाने में मुख्तार पर साल 2010 में गैंगस्टर का केस दर्ज किया गया था। गैंगस्टर के इस केस के गैंग चार्ट में कपिल देव सिंह हत्याकांड और मीर हसन पर हुए हमले का मामला शामिल था। इन दोनों मूल मामलों यानी हत्या और हमले में सेशन कोर्ट से मुख्तार बरी हो चुका है। लेकिन, इन्हीं दोनों मामलों को लेकर गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें मुख्तार को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई है। इससे पहले भी एक अन्य गैंगस्टर के मामले में मुख्तार को 10 साल की सजा हो चुकी है। 25 अक्टूबर 2005 से जेल में बंद मुख्तार अंसारी इस समय गाजीपुर जेल में है।
ऐसे कानून के शिकंजे में फंसा मुख्तार
करंडा क्षेत्र के सुआपुर के रहने वाले रिटायर्ड टीचर कपिल देव सिंह की हत्या मामले से जुड़ा गैंगस्टर केस चल रहा है। मुख्तार को कपिलदेव सिंह हत्याकांड में साजिश रचने का आरोपी बनाया गया था। 13 साल पहले एक बाहुबली के घर में कुर्की के मामले में पुलिस ने कपिलदेव सिंह को गवाह बनाया था। गवाह बनने के बाद वह बाहुबलियों के निशाने पर आ गए थे और उसके बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी। इससे पहले कृष्णानंद राय हत्याकांड केस में कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उस पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी करार दिया गया था।
छह मुकदमों में सजा पा चुका माफिया
मुख्तार अभी तक छह मामलों में सजा पा चुका है। अवधेश राय हत्याकांड में 5 जून 2023 को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वहीं गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर से 29 अप्रैल, 2023 को 10 साल के सश्रम कारावास और पांच लाख जुर्माने की सजा मिल चुकी है। गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर की कोर्ट से 15 दिसंबर 2022 को 10 साल के सश्रम कारावास और पांच लाख जुर्माने की सजा भी वह पा चुका है। सरकारी कर्मचारी को काम से रोकने, धमकाने में इलाहाबाद हाईकोर्ट से 21 सितंबर 2022 को सजा पड़ी थी। आलमबाग लखनऊ में दर्ज केस की धारा 353 में दो साल की कैद, 10 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 504 में दो साल की कैद, दो हजार अर्थदण्ड और धारा 506 में सात साल की कैद, 25 हजार रुपए की सजा से दंडित किया। लखनऊ के हजरतगंज में दर्ज गैंगस्टर एक्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 23 सितंबर 2022 को दो साल की कैद 10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया। आर्म्स एक्ट और 5-टांडा एक्ट में नई दिल्ली में दर्ज केस में न्यायालय एएसजे साउथ डिस्ट्रिक्ट नई दिल्ली ने पांच लाख 50 हजार का अर्थदण्ड, 10 साल के सश्रम कारावास से दंडित किया।
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