एबीईएस कालेज: छात्र का आरोप, जबरन लिखवाया गया गलत स्टेटमेंट

गाजियाबाद। एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज में जय श्रीराम बोलने पर प्रोफेसर द्वारा छात्र को बेइज्जत करने का मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है। खासकर हिंदू संगठनों में महिला प्रोफेसर के खिलाफ काफी आक्रोश बना हुआ है। वहीं विरोध करने वाले छात्र कालेज प्रशासन की ओर से कार्रवाई को लेकर आशंकित हैं।

छात्र ने बताया कि 20 अक्टूबर को छात्रों का कल्चरल प्रोग्राम था। इसमें उसे गाना गाना था। उसने कलियुग नाम से गाना तैयार किया था। छात्र ने बताया कि जैसे ही वह खुद मंच पर गया तो बाकी के छात्रों ने जय श्रीराम के नारे लगाना शुरू कर दिए। इस पर छात्र ने भी जय श्रीराम कह दिया। छात्र के मुताबिक इतना कहना भर था कि प्रोफेसर श्वेता शर्मा और ममता गौतम वहां पहुंचीं और स्टेज से बेइज्जत करते हुए उसे उतार दिया। जबकि बाद में स्टेज के पीछे वाले रूम में ले जाकर काफी देर फटकारा। बेइज्जत छात्र हॉस्टल में मौजूद अपने कमरे में चला गया। जबकि इसी बीच घटनाक्रम का विरोध शुरू हो गया। इसके बाद शाम चार के लगभग कॉलेज फैकल्टी से कॉल आई और कहा गया कि छात्र के डॉक्यूमेंट्स में कुछ गलती है। उसे सुधारने के लिए एडमिन बिल्डिंग के थर्ड फ्लोर पर बैठे पीएल सर से मिल लो। छात्र ने बताया कि वह वहां पहुंचा तो वहां पांच-छह टीचर बैठे हुए थे। पहुंचते ही उन्होंने मेरा फोन ले लिया। उन्होंने मुझसे कहा कि एक एप्लिकेशन लिख दो कि मेरी वजह से डिसिप्लिन खराब हुआ है और मैम ने कुछ नहीं किया।

छात्र आशंकित, कालेज वाले परेशान करेंगे
छात्र ने कहा भी कि वह अन्य छात्रों से बात करके स्टेटमेंट लिखेगा लेकिन प्रोफेसर्स ने उसका फोन छीन लिया था और प्रेशर बनाकर साइन करा लिए। अकेले छात्र ने काफी समझाना चाहा लेकिन प्रोफेसर नहीं माने और स्टेटमेंट लिखवाकर ही दम लिया। बाद में छात्र का फोन भी लौटा दिया और उसे वापस भेज दिया गया। छात्र ने यह भी आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में कालेज प्रशासन या प्रोफेसर उसे परेशान करेंगे, क्योंकि 25 अक्टूबर से इसकी क्लासेज शुरू होने वाली हैं।

ये हुई अब तक कार्रवाई
विवाद के बाद कालेज प्रशासन ने दोनों प्रोफेसर्स के खिलाफ जांच कराई। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दोनों को सस्पेंड कर दिया गया है। कालेज प्रशासन ने यह भी दावा किया है कि पूरे मामले में छात्र की कोई गलती नहीं थी, इसलिए उसके खिलाफ न तो कोई कार्रवाई होगी न ही उसे किसी तरह की परेशानी होने दी जाएगी। फिर भी छात्र आशंकित है कि अब आगे की पढ़ाई में कॉलेज प्रशासन उसे दिक्कत कर सकता है।कुल मिलाकर कालेज में पढ़ाई का माहौल नहीं रहा है। खुद वह छात्र भी कार्रवाई के डर से सहमा हुआ है।

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