महिला सिपाही ने फंदा लगाकर जान दी, वजह तलाश रही पुलिस

उन्नाव। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में महिला सिपाही ने फंदे पर लटककर जान दे दी। सिपाही ने ऐसा क्यों किया, इस सवाल का जवाब अफसर नहीं तलाश सके हैं। हालांकि उसका मोबाइल पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। इधर, मामले की जानकारी पर परिजन भी यहां आ पहुंचे और शव का पंचायतनामा व पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की गई।

सिपाही मीनू धामा (25) मूलरूप से बागपत की रहने वाली थी। उन्नाव में वह पुलिस की एएचटीयू शाखा में तैनात थी। साल 2019 यानी 4 साल पहले पुलिस की नौकरी ज्वाइन की थी। डेढ़ साल पहले ही उसका उन्नाव ट्रांसफर हुआ था। सुसाइड की वजह क्या है। इस पर पुलिस के सीनियर अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। कर्मचारियों का बस इतना कहना है कि उसके चीखने पर बैरक में मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने उसे फंदे पर लटका देखा तो आनन-फानन में नीचे उतारा और अफसरों को जानकारी दी। मौके पर पहुंचे अफसर उसे नजदीकी अस्पताल ले गए। हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। जब तक जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तब तक उसकी मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने इस मामले की जानकारी परिवार वालों को दी तो परिजन भी यहां आ गए। परिजन भी आत्महत्या की वजह स्पश्ट नहीं कर पा रहे हैं। वहीं कोई सुसाइड नोट भी मौके से पुलिस को नहीं मिला है।

मोेबाइल खंगाल रही पुलिस
पुलिस फिलहाल उसका मोबाइल खंगाल रही है। अफसरों को उम्मीद है कि शायद मोबाइल में कोई आडियोे या वीडियो मिल जाए। जिससे आत्महत्या की वजह पता लग सके। वहीं एएचटीयू थाने के स्टाफ से भी अफसरों ने पूछताछ की है। उसकी सहकर्मी महिला पुलिसकर्मियों से भी जानकारी जुटाई जा रही है। क्योंकि पुलिस का मानना है कि किसी न किसी से तो उसने अपनी परेशानी जरूर कही होगी। वहीं अफसर पुलिस रिकार्ड भी देख रहे हैं, क्योंकि हो सकता है कि कोई लिखित शिकायत उसने अधिकारियों से की हो।

दो महीने पहले मिली थी पोस्टिंग
सीओ सिटी आशुतोष कुमार ने बताया कि सिपाही की मौत मामले में सभी एंगल पर जांच की जा रही है। करीब दो माह पहले ही एएचटीयू थाने में तैनाती हुई थी। गुरुवार से पहले बुधवार को पुरवा थाने में मीनू धामा जागरूकता प्रोग्राम में शामिल हुई थी। मीनू धामा के पिता की कई साल पहले मौत हो चुकी है। पारिवारिक विवाद या नौकरी का दबाव या कोई और वजह है। इस बारे में कुछ साफ नहीं है।

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