गाजियाबाद। कारोबारी शशांक शर्मा को बंधक बनाकर दो करोड़ 75 लाख की फिरौती वसूलने का आरोपी वासू त्यागी बेहद शातिर निकला। वासू ने उत्तराखंड के देहरादून में पुराने मुकदमे में सरेंडर कर दिया। जबकि गाजियाबाद की नंदग्राम थाना पुलिस उसकी तलाश करती रही।
देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में 2007 में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में तारीख पर पेश न होने की वजह से उसके वारंट निकले थे। इसी मामले में वह कोर्ट के सामने पेश हो गया। वहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। शशांक शर्मा ने एफआईआर में सहारनपुर के मल्लीपुर रोड के निवासी वासू त्यागी, गाजियाबाद के नंदग्राम के प्रवीन और हर्षित को नामजद कराया था। पांच आरोपी अज्ञात में हैं। वजह थी कि सहारनपुर के निवासी शशांक शर्मा को राजनगर एक्सटेंशन के ज्योति सुपर विलेज के एक फ्लैट में बंधकर बनाकर छह करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी। उनकी कनपटी पर पिस्टल और तमंचा तानकर उनके परिचितों को कॉल कराई गई। परिचितों से 2.75 करोड़ रुपये वसूल भी लिए गए। इसके बाद शशांक को 25 लाख और देने के साथ 10 लाख रुपये हर हफ्ते देने की धमकी देकर छोड़ा गया था।
किस्तों में लेते रहे वसूली का पैसा
वासू त्यागी ने हर्षित को भेजकर रकम उठवाई थी। प्रवीन ने 25 लाख रुपये सोमवार को और हर हफ्ते 10 लाख रुपये देने के लिए कहा था। एक कागज पर उससे जबरन लिखवाया कि तीन करोड़ दे दिए हैं, बाकी चेक से दूंगा। इसके बाद जब वह गाड़ी में बैठकर जाने लगे तो धमकी दी कि अगर पुलिस को बताया तो उसके साथ बीवी और बच्चों की भी हत्या कर देंगे।
लकीर पीटती रह गई पुलिस
वासू त्यागी के जमानत तोड़कर जेल चले जाने की हरकत की पुलिस को हवा तक नहीं लगी। पुलिस महज लकीर पीटती रह गई और आरोपी खुलेआम चकमा दे गया। इधर, नंदग्राम के एसीपी रवि कुमार का कहना है कि वासू त्यागी के जेल चले जाने की कोई सूचना नहीं मिली है। वहीं चर्चा है कि कुछ आरोपी दिल्ली पुलिस ने भी पकड़े लेकिन नंदग्राम पुलिस को इसकी भी भनक नहीं लगी। कुल मिलाकर न तो वसूली गई रकम पुलिस बरामद कर सकी और न ही किसी आरोपी को पकड़ सकी है। एसीपी ने बताया कि तलाश जारी है।
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