कानपुर। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा अहंकारी पार्टी है, वो आदमी को आदमी नहीं समझ रहे हैं। कहा कि देवरिया में अन्याय हुआ है तो कामपुर में भी सिख समाज के दवा व्यापारी की भाजपा नेता ने आंख फोड़ दी। जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली किसी की आंख की रोशनी छीन लेंगे।
अखिलेश यादव मंगलवार को कानपुर दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने भाजपा की जमकर घेराबंदी की। कहा कि मौजूदा वक्त में हर तबका परेशान है। क्योंकि वर्तमान सरकार जमीन पर जाकर हित की बात नहीं कर रही केवल दावों, वादों और बातों में विकास किए जा रही है। कहा कि ऐसा विकास समाज को किसी अभिशाप से कम नहीं है। क्योंकि जनता सरकारी इस उम्मीद चुनती है कि सरकार उनके हितों की सुरक्षा करेगी लेकिन यहां तो सत्ताधारी ही लोगों की आंख फोड़ रहे हैं। ऐसे में समाज में सरकार का गलत संदेश जा रहा है लेकिन अहंकारी भाजपाइयों को कुछ नहीं दिख रहा। अखिलेश यादव ने सुसाइड करने वाले किसान बाबू सिंह यादव के परिजनों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता ने किसान की जमीन हड़पने के लिए फर्जी तरीके से जमीन खरीदने का लालच दिया। मजबूरी में किसान को जान देनी पड़ी। आरोपी भाजपा नेता दोनों डिप्टी सीएम के संपर्क में हैं।
अफसरों के पास नहीं बुलडोजर की चाबी
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता है, तो आत्मसमर्पण का मौका दिया जा रहा है। अधिकारियों के साथ तालमेल बैठाकर काम किया जा रहा है। भाजपा नेता को बचाने के लिए लखनऊ और दिल्ली से फोन किए जा रहे हैं। पुलिस कार्रवाई के नाम पर खानापूरी कर रही है। जबकि समाज में ऐसी घटनाओं से भय व्याप्त होता है। अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमलावर होते हुए आगे कहा कि किसान की जान लेने वाले भाजपा नेता को बचाने के लिए कानपुर के अधिकारियों के पास बुलडोजर की चाभी नहीं है। बुलडोजर में पेट्रोल-डीजल नहीं है। क्या बुलडोजर का ड्राइवर भाग गया। क्या लखनऊ से परमीशन नहीं मिली। अखिलेश यादव ने कानपुर कमिश्नरेट के अधिकारियों पर बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि शहर में दंगे हुए तो पुलिस ने एफआइआर में नाम हटाने और जोड़ने के लिए वसूली का पूरा गैंग चलाया।
विधायक को नहीं दी मंच पर जगह
अखिलेश के स्वागत को लेकर समर्थक और विधायक जाजमऊ पुल पर खड़े थे। यहां आगे खड़े रहने को लेकर नगराध्यक्ष फजल महमूद व विधायक मोहम्मद हसन आपस में भिड़ गए। इतना ही नहीं समर्थकों में भी धक्कामुक्की शुरू हो गई। पुलिस ने बीचबचाव कराना चाहा तो पुलिसकर्मियों से भी बदसलूकी की गई। माहौल काफी गर्माने के बाद अखिलेश तक यह बात पहुंच गई। अखिलेश यादव ने विवाद के बाद सपा विधायक को जगह मंच पर जगह नहीं दी है।
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