तेल अवीव। हमास और इसराइल के बीच चल रहे युद्ध के दौरान इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लापता और बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही वह व उनकी सेना बिछड़े अपने लोगों से मिलवाएंगे।
युद्ध के बीच इसराइल के कुल 1300 लोगों की मौत व सैकड़ों लोग लापता हो की खबरें भी सामने आ रही हैं। हमास के आतंकियों ने बहुत लोगों को बंधक बना रखा है। बंदी बने लोगों के परिजनों से मिलने की जानकारी बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने ट्विटर (एक्स) पर दी गई। ट्वीट में कहा गया है कि पीएम नेतन्याहू ने बंदी व लापता लोगों के परिवार से मुलाकात की। पीएम ने परिजनों के साथ बैठक की। बैठक के बाद कहा कि प्रधानमंत्री ने बंधक व लापता लोगों को उनके परिजनों से मिलवाएंगे। बैठक के बाद लोगों ने कहा कि नेतन्याहू ने स्वीकार किया कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख तजाची हानेग्बी की टिप्पणी का समर्थन नहीं करते। इधर, इसराइल- हमास युद्ध के दौरान आतंकी संगठन द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों ने इसराइल के तेल-अवीव शहर में प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारी ने नारे लगा रहे थे। प्रदर्शन कार्याे ने सरकार से मांग कि थी कि वे हमास द्वारा बंधक बनाई गईं महिलाएं और बच्चों को रिहा कराएं।
बाइडेन बोले: हमास का खात्मा जरूरी
इसराइल और हमास के बीच दसवें दिन भी युद्ध जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हमास का खात्मा जरूरी है, लेकिन गाजा पर कब्जा इजरायल की बड़ी गलती होगी। उन्होंने कहा कि हमास ने बर्बरता की है। इसलिए इस संगठन का खात्मा जरूरी है।
जमीयत कर रही पैरोकारी
जमीयत उलमा-ए-हिंद अब आतंकी संगठन हमास की तरफदारी पर उतरा है। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष और मुस्लिम वर्ल्ड लीग के संस्थापक सदस्य मौलाना अरशद मदनी ने कहा, जमीयत पहले दिन से फिलिस्तीन के साथ खड़ी है। इजराइल एक कब्जा करने वाला देश है। जिसने फिलिस्तीन की जमीन पर कुछ विश्व शक्तियों के समर्थन से कब्जा कर रखा है। फिलिस्तीनियों ने साहस और हिम्मत से अत्याचारी इजराइल पर जो पलटवार किया है, उसकी वह कल्पना भी नहीं कर सकता है। वहीं शांति को ढ़िढौरा पीटने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन चुप है। उन्होंने फिलिस्तीन पर हमले की निंदा की है। जमीयत गाजा पर हुए हमलों को मानवाधिकारों पर होने वाला गंभीर हमला बताया। कहा कि अगर इजराइल की ओर से बमबारी नहीं रुकी तो इस युद्ध का दायरा बढ़ सकता है। पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है।