प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मुफलिसी के चलते इलाज के अभाव में महिला की मौत हो गई। आर्थिक तंगी इतनी ज्यादा थी कि उसका अंतिम संस्कार करना तो दूर शव को घाट तक ले जाने का बंदोवस्त भी पति नहीं कर सका। अपने ससुर की मदद से बांस के सहारे लाश को धोती में बांधकर पैदल ही घाट की ओर चल पड़ा। लोगों को पता लगा तो उसकी मदद की गई, वहीं पुलिस की निगरानी में अंतिम संस्कार कराया गया।
मूलरूप से बनारस का रहने वाला नखड़ नाम का व्यक्ति प्रयागराज के झूंसी इलाके के नीबी कला गांव में रहता है। वह दोने-पत्तल बनाकर बेचता और इससे मिलने वाले रुपयों से अपना व पत्नी अनीता (26) का पेट पाल रहा था। पिछले दिनों अनीता की तबीयत खराब हो गई। वहीं नखड़ के पास इतने रुपये नहीं थे कि पत्नी का इलाज करा सके। नतीजतन इलाज के अभाव में शुक्रवार को पत्नी की मौत हो गई। नखड़ के दारागंज में रहने वाले रिश्तेदारों ने उसे कहा कि गांव के घाट तक शव ले आओ तो यहीं अंतिम संस्कार कर देंगे। इधर, नखड़ के पास शव को किसी वाहन में रखकर ले जाने के पैसे भी नहीं थे। ऐसे में उसने अपने सास-ससुर को बुला लिया लेकिन उनके पास भी इतने पैसे नहीं थे।
राहगीरों ने की मदद
नखड़ ने बांस में एक धोती बांधी और उसमें अनीता की लाश रख ली। बांस का एक सिरा अपने कंधे पर रखा तो दूसरा ससुर से उठवाया। इसी तरह वह शव लेकर दारागंज को रवाना हो गया। काफी दूर चलने के बाद राहगीरों ने उससे पूछा तो बताया कि धोती में पत्नी की लाश है और अंतिम संस्कार को ले जा रहे हैं। जिसने भी यह सुना वह कुछ देर के लिए अवाक रह गया। राहगीरों ने अपने पास से रुपये एकत्र किए। जिससे जितना बना वो नखड़ को दिया गया। ताकि अच्छे से अंतिम संस्कार हो सके। वहीं पुलिस को भी बुला लिया गया। पुलिस ने ई रिक्शा में शव रखवाकर उसे दारागंज घाट तक रवाना किया।
अखिलेश ने सिस्टम को घेरा
शव ले जाते हुए वीडियो सामने आने पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सिस्टम की घेराबंदी की है। एक्स प्लेटफार्म पर अखिलेश ने लिखा कि जहां मृतक का सम्मान नहीं, वहां अमृतकाल नहीं। कुल मिलाकर गरीबी में इलाज के अभाव में मौत और कंधे पर लाश ले जाना पूरे सिस्टम के दावों की हकीकत को बयां कर रहा है।
Discussion about this post