जयपुर। चुनाव आयोग ने राजस्थान में होने वाले चुनाव की तारीख में फेरबदल किया है। चुनाव अब 23 के स्थान पर 25 नवंबर को संपन्न होगा। वजह है कि 23 नवंबर को देवोत्थान एकादशी का पर्व है। जिसे देशभर में मनाया जाता है, खासकर राजस्थान में इस पर्व पर विशेश आयोजन व पूजा-अर्चना की परंपरा है।
आयोग ने सिर्फ मतदान की तारीख बदली है, नामांकन की शुरुआत और नाम वापसी, मतगणना सहित सभी शेड्यूल पहले जैसे ही रखे गए हैं। नियमों के तहत राजस्थान में चुनाव की प्रक्रिया 5 दिसंबर से पहले खत्म हो जानी चाहिए। यह पहली बार है जब राजस्थान में विधानसभा चुनाव में मतदान की तारीख बदली गई है। इस दिन राजस्थान में बड़ी संख्या में शादियां होती हैं। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार इस दिन करीब 50 हजार शादियां होंगी। शादियों के चलते लोग एक शहर से दूसरे शहर में जाएंगे। वहीं शादियों में टेंट, कैटरिंग, बैंड सहित अन्य वर्ग सीधे रूप से जुड़ा होता है। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा था कि ये लोग इस दिन वोटिंग करने शायद ही जा पाएं, इसे लेकर कई सामाजिक संगठनों ने लेटर भी लिखा था। इसके बाद मतदान की तारीख में बदलाव कर दो दिन आगे खिसकाया गया है।
प्रचार को बढ़े दो और दिन
राजस्थान में राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के लिए इस बार 47 दिन मिलेंगे। 2018 में 6 अक्टूबर को आचार संहिता लागू हुई थी और 7 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। इस हिसाब से 2018 में प्रत्याशियों को प्रचार के लिए 62 दिन मिले थे। इस बार 9 अक्टूबर को आचार संहिता लगी है और 25 नवंबर को वोटिंग होने के कारण सिर्फ 47 दिन ही मिल रहे हैं।
ये है वोटर प्रतिशत
राजस्थान के लगभग 5 करोड़ 27 लाख मतदाताओं में से 51 प्रतिशत वोटर युवा हैं। इनकी उम्र 18 से 39 साल है। इसमें पहली बार वोट डालने वाले 22 लाख 6 हजार मतदाता हैं। इसके साथ ही ढाई करोड़ से ज्यादा महिला मतदाता भी चुनाव के रिजल्ट पर असर डालेंगी। जेंडर आधार पर देखें तो राजस्थान में 51.93ः पुरुष मतदाता हैं और 47.79ः महिला मतदाता हैं।
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