फर्जी आईटी इंस्पेंक्टर बनकर महिला ने सिपाही को ठगा

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में ठगी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। इसमें ठगी तो हुई ही, वहीं ठग महिला ने खुद को इंकम टैक्स डिपार्टमेंट का इंस्पेक्टर बताते हुए यूपी पुलिस के सिपाही से शादी कर डाली। दो साल बाद राज खुला तो पीड़ित सिपाही ने रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके आधार पर आरोपी महिला को गिरफ्तार किया गया है।
मध्यप्रदेश के झांसी के पूंछ गांव के रहने वाले जितेंद्र गौतम यूपी पुलिस में सिपाही हैं। उनकी तैनाती कानपुर जिले के फजलगंज थाने में है। जितेंद्र गौतम ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उसकी जान पहचान फेसबुक के माध्यम से शिवांगी सिसोदिया नाम की महिला से हुई। फेसबुक पर महिला ने अपने आप को बलिया जिले का रहने वाला बताया और चंडीगढ़ में आयकर विभाग में एसआई की पोस्ट पर तैनात बताया था। शिवांगी और जितेंद्र गौतम के बीच प्रेम प्रसंग बढ़ता गया। कुछ दिन बाद शिवांगी ने जितेंद्र से शादी का प्रस्ताव रख दिया। शादी में यह तय हुआ दोनों लोग आधा-आधा पैसा खर्च करेंगे।

शिवांगी ने स्कॉर्पियो गाड़ी लेने के लिए जितेंद्र से छह लाख 21 हजार रुपए भी ले लिए। जितेंद्र ने बताया कि उनकी शादी 10 फरवरी 2021 को हुई, लेकिन उन्होंने शादी में स्कॉर्पियो कर नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने बताया कि 12 सितंबर 2023 को उनके आवास पर रात दो बजे वह ड्यूटी करके पहुंचे तो उनकी पत्नी सोनू नाम के व्यक्ति के साथ थीश तब शिवांगी ने उसे अपना भाई बताया था। जितेंद्र को शक हुआ तो उसने अपनी जांच पड़ताल की तो पता चला कि शिवांगी का असली नाम सविता देवी है। वह झांसी के नूनार गांव की रहने वाली है। सविता पहले से ही शादीशुदा है।उसने ठगी के लिए शिवांगी सिसोदिया नाम से फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाई थी।

 

 

किराए पर आए थे रिश्तेदार
जितेंद्र गौतम का आरोप है कि शिवांगी ने जब शादी की तो उसके सभी रिश्तेदार शादी में शामिल थे। जो रिश्तेदार शामिल थे, उन्हें शिवांगी किराए पर लेकर आई थी। जिसमें शिवांगी ने भाई मां,बुआ- फूफा दादी-दादी और चाचा-चाची बताए थे, लेकिन जब उसे जानकारी मिली तो पता चला कि शिवांगी उर्फ सविता का असली भाई सतीश व रानू है। जितेंद्र ने बताया की सविता और उसके घर वाले गिरोह बनाकर लोगों को शादी के नाम पर ठगते हैं।

गाड़ी के जिक्र पर करती थी टालमटोल
पीड़ित के मुताबिक शादी के बाद जब भी स्कार्पियो गाड़ी का जिक्र पत्नी से करता तो वो टालमटोल करती थी। कभी कहती कि गाड़ी बुक हो चुकी है तो कभी कहती कि बुकिंग कैंसिल कर दी। रकम के बारे में पूछने पर बताती रही कि वो बैंक खाते में पड़े हैं। गाड़ी का अपडेट मॉडल आने पर उसे खरीद लेगी। इस बीच महिला अक्सर ड्यूटी के बहाने कई-कई दिन के लिए घर से चली जाती थी। पति को लगता था कि वो ड्यूटी पर है, जबकि वह अपने परिवार के साथ रहती थी।

पूरे गिरोह की तलाश जारी
पूरे मामले में नजीराबाद थाना अध्यक्ष कौशलेंद्र सिंह ने बताया कि सिपाही की तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने जब जांच की तो पूरा मामला फर्जी पाया गया। महिला भी इंकम टैक्स अधिकारी नहीं निकली। उन्होंने बताया कि महिला की शादी पहले ही हो चुकी है। उसके दो बच्चे भी हैं। फिलहाल महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।

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