एनआरआई पति की कातिल पत्नी को फांसी, प्रेमी को उम्रकैद

सुखजीत और उसकी पत्नी रमनदीप, पीछे खड़ा मिट्ठू सिंह

शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव ने एनआरआई सुखजीत सिंह की हत्या के मामले में उनकी पत्नी रमन कौर को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं प्रेमी को उम्रकैद दी गई है। आरोपी पर तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

इंग्लैंड के रहने वाले सुखजीत सिंह अपनी पत्नी रमन कौर व दो बेटों के साथ 2016 में बांदा ब्लाक के बसंतपुर गांव में रहने लगे थे। इसी दौरान सुखजीत की पत्नी रमन कौर का गुरप्रीत नाम के व्यक्ति से प्रेम प्रसंग चलने लगा। प्रेम कहानी में सुखजीत सिंह बाधा बन रहे थे। इस लिए 31 अगस्त 2016 की रात में खाने में नशा देकर सुखजीत की हत्या कर दी गई। हत्या करने के बाद गुरप्रीत दिल्ली चला गया था। हत्या की पूरी वारदात सुखजीत का बेटा अर्जुन देखता रहा। पुलिस जब हत्या की सूचना पर बसंतपुर गांव पहुंची। तब अर्जुन ने बताया कि उसकी मां रमन कौर ने उसके पिता का तकिए से चेहरा दबाया और गुरप्रीत ने हथौड़े से हमला कर हत्या कर दी। 1 सितंबर 2016 को पुलिस ने गुरप्रीत कौर रमन कौर को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया था।

16 गवाहों के बलबूते जीते केस
मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा ने बताया कि बांदा पुलिस ने रमन कौर और गुरप्रीत के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र अदालत में भेजा था। मुकदमा चलने के दौरान 16 गवाह अदालत में पेश किए गए। अदालत ने गवाहों के बयान और सरकारी वकील के तर्कों को सुनने के बाद रमन कौर और गुरप्रीत को दोषी माना है। दोषी पाए जाने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव ने 5 अक्टूबर को दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया था और आज शनिवार को दोनों दोषियों को सजा सुनाई।

मां-बाप लौट गए थे इंग्लैंड
एनआरआई सुखजीत सिंह अपनी पत्नी रमन कौर और दो बेटों के साथ 2016 में शाहजहांपुर जिले के बसंतपुर गांव में बस गया था। सुखजीत के माता-पिता भी फार्म हाउस पर रहते थे, लेकिन वह कुछ दिन बाद इंग्लैंड वापस चले गए थे। वहीं पत्नी के प्रेम प्रसंग में बाधा बनने पर सुखजीत की हत्या कर दी गई थी।

Exit mobile version