गाजियाबाद। मोदीनगर की जगतपुरी कालोनी में कोचिंग जा रही छात्रा पर गुरुवार शाम हमले का आरोपी शौकीन बेहद शातिर निकला। गिरफ्तारी के बाद पुलिस से छूटने के लिए उसने पुलिस की पिस्टल छीनकर फायरिंग कर दी। एनकाउंटर के बाद पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी दोबारा दिखाई है। वहीं आरोपी के खिलाफ लूट और मुठभेड़ का मुकदमा अलग से लिखा गया है। कक्षा नौ की छात्रा दिव्या पर तलवार से हमले की घटना के बाद भीड़ ने शौकीन को पकड़कर पीटा, जबकि बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया था।
एसीपी ज्ञानप्रकाश राय के मुताबिक आरोपी को रात दो बजे दिल्ली-मेरठ मार्ग पर स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर मेडिकल परीक्षण के लिए पुलिस ले गई थी। वहां उसने एसआई शिव प्रकाश की सर्विस रिवाल्वर होलेस्टर से निकाली और सीएचसी की चाहरदीवारी कूदकर वहां स्थित एक बाग में जा छिपा। पुलिस टीम पीछा करती हुई पहुंची तो पेड़ की आड़ से फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में उसकी टांग में गोली लगी और उसे दबोच लिया गया। बाद में उसे सीएचसी लाया गया, जबकि यहां से जिला अस्पताल रेफर किया गया। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर वह तलवार भी बरामद कर ली है, जिससे छात्रा पर हमला हुआ था। आरोपी ने कबूला कि दो साल पहले उसने एक कबाड़ी से वो तलवार 50 रुपये में खरीदी थी। उसका इरादा तलवार से छात्रा का सिर कलम करना था लेकिन तलवार पर जंक लगी होने के कारण ऐसा नहीं हो सका।
छात्रा का इलाज जारी, आपरेशन की तैयारी
घायल छात्रा का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। डाक्टर्स के मुताबिक उसके बायें हाथ की कोहनी का आपरेशन किया जाएगा। तलवार के प्रहार से कोहनी की हड्डी डैमेज हुई है। इधर, इस घटना के बाद से ही जगतपुरी कॉलोनी में सांप्रदायिक तनाव है। इसे देखते हुए पुलिस तैनात की गई है। घटना के बाद से पीड़िता का परिवार भी दहशत में है। दिव्या की दादी राजबाला ने पुलिस अफसरों से कहा कि पोती के साथ बहुत बुरा हुआ है। शौकीन को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। पोती की हालत देखी नहीं जा रही। दिव्या के पिता संजय ने कहा कि मामला लंबा नहीं खिंचना चाहिए। पुलिस जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करे और हमलावर को कड़ी सजा दिलाए जाए। परिजनों को उसके जेल से छूटने पर दोबारा हमले की भी आशंका है।
ये रहा आरोपी का कबूलनामा
शौकीन ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह दिव्या के पिता संजय के साथ ही मजदूरी करता है। उनके घर उसका आना-जाना है। दोपहर का खाना भी उनके घर ही खाता है। कई दिनों से उसे खाना समय पर नहीं मिल रहा था। यह उसे अच्छा नहीं लग रहा था। बृहस्पतिवार को दिव्या घर पर अकेली थी। उसने उससे कहा कि खाना ले आए। यह देखकर उसे गुस्सा आ गया कि वह खाना दिए बगैर ही कोचिंग सेंटर के लिए चल दी। इसी पर वह आपा खो बैठा और हमला कर दिया। तलवार वह कुछ दूरी पर स्थित अपने घर से लेकर आया था।