शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में सात पहले एनआरआई पति की हत्या के मामले में कोर्ट ने पत्नी और उसके प्रेमी को दोषी करार दिया है। सजा का ऐलान सात अक्टूबर को होगा। इस हत्याकांड के दौरान दो पालतू कुत्तों को जहर देकर मारा गया था। फिलहाल कोर्ट ने हत्या की दोषी एनआरआई की विदेशी पत्नी और उसके प्रेमी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है।
थाना बंडा क्षेत्र के गांव बसंतापुर निवासी सुखजीत सिंह इंग्लैंड के डरबिशायर में पत्नी रमनदीप कौर और दो बच्चों के साथ रहते थे। उनकी मां वंशकौर गांव में रहकर खेतीबाड़ी की देखभाल करती थी। सुखजीत और मिट्ठू सिंह गहरे दोस्त थे, पंजाब के कपूरथला का रहने वाला मिट्ठू सिंह दुबई में रहता था। सुखजीत सिंह अक्सर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दुबई में रहने वाले दोस्त मिट्ठू सिंह के घर रहने जाते थे और इसी तरह मिट्ठू सिंह भी दोस्त सुखजीत के घर इंग्लैंड में रहने जाता था। इस दौरान सुखजीत की पत्नी और उसके दोस्त मिट्ठू सिंह के बीच प्रेम प्रसंग हो गया। 28 जुलाई 2016 को सुखजीत पत्नी रमनदीप कौर, दो बच्चों के साथ भारत आया था। 1 सितंबर की शाम पत्नी ने सभी के लिए बिरयानी बनाई थी। सभी खाना खाने के बाद सो गए। उसी रात सुखजीत सिंह की घर के अंदर गला काटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। उसके ऊपर फावड़े से भी हमला किया गया था। सुबह उठने के बाद पत्नी ने घर में बदमाश घसने का ड्रामा किया था। घर के बाहर दो पालतू कुत्तों को जहर देकर मारा गया था।
पुलिस की तफ्तीश के दौरान पत्नी रमनदीप कौर और सुखजीत के दोस्त मिट्ठू के बीच प्रेम प्रसंग की बात सामने आई थी। जांच पड़ताल में पुलिस को जानकारी मिली थी कि सुखजीत का दोस्त मिट्ठू भी दुबई से भारत आया था। सर्विलांस की मदद से जानकारी मिली कि घटना की रात मिट्ठू बंडा थाना क्षेत्र के बसंतापुर में ही था। इसके बाद पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद लेकर मिट्ठू को दुबई जाने का प्रयास करते समय एयरपोर्ट से गिरफ्तार करा लिया था। मिट्ठू के गिरफ्तार होते ही सुखजीत की हत्या की राज खुल गया। मिट्ठू ने बताया कि वह और सुखजीत की पत्नी रमनदीप कौर एक दूसरे से प्यार करते हैं और दोनों ने मिलकर सुखजीत को रास्ते से हटाया है। इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया था।
एक साथ पढ़े थे मिट्ठू और सुखजीत
मिट्ठू कपूरथला (पंजाब) जिले की तहसील सुल्तानपुर लोधी के गांव जैनपुर का रहने वाला है। सुखजीत और मिट्ठू जालंधर के स्कूल में साथ पढ़े थे। दोनों गहरे दोस्त थे। हत्या की योजना के तहत जुलाई के पहले सप्ताह में रमनदीप कौर पति के साथ मिट्ठू के पास दुबई पहुंची। वहां वह लोग 15 दिन तक रहे। 28 जुलाई को सुखजीत और रमनदीप कौर बच्चों के साथ बसंतापुर आए थे। मिट्ठू भी साथ आया था। इसके बाद सभी लोग देश के विभिन्न जगहों पर घूमते रहे। 15 अगस्त को सभी लोग बसंतापुर पहुंचे थे।
31 अगस्त को मिट्ठू दुबई जाने की बात कहकर चला गया था। सुखजीत और रमनदीप कौर उसे अमृतसर एयरपोर्ट तक छोड़ने भी गए थे। वापसी में रमनदीप ने सुखजीत पर धारदार हथियार से हमला कर मारने का प्रयास किया लेकिन सफल न होने पर मिट्ठू को सूचना दी। सुखजीत ने बदनामी के डर से शीशे से चोट लगने की बात कहते हुए इलाज कराया था। बाद में मिट्ठू दुबई न जाकर वापस आ गया और रमनदीप ने एक सितंबर 2016 की शाम परिजनों और कुत्तों को नशे की गोलियां दे दी। रात में सुखजीत की हत्या कर दी गई थी।
जहां का कानून माना लचर, वहीं हुई सजा
रमनदीप कौर और मिट्ठू से पुलिस ने यह पूछा था कि सुखजीत की हत्या दुबई या इंग्लैंड में क्यों नहीं की? इस पर उनका जवाब था कि उनकी समझ में भारत में कानून लचर था। हत्या के बाद मिट्ठू दुबई और रमनदीप इंग्लैंड चली जाती और कानून के शिकंजे से बच जाते। लेकिन भारत आकर पुलिस और कानून व्यवस्था पर उनकी सोच गलत साबित हुई और दोनों को न सिर्फ अगले ही दिन पकड़ लिया गया, बल्कि कानून पर उनका अंदाजा गलत साबित करते हुए पुलिस, सरकारी वकील ने मिलकर सबूत और तर्क कोर्ट में रखे, जिससे दोनों को दोषी करार दिया गया।