नई दिल्ली। नई वंदे भारत ट्रेन के नारंगी रंग पर विवाद के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बयान सामने आया है। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, रंगों का चयन वैज्ञानिक सोच के आधार पर किया है। वंदे भारत ट्रेन के नारंगी रंग के पीछे राजनीति की बात को उन्होंने सिरे से खारिज किया है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘मानव आंखों के लिए, दो रंग सबसे आसानी से दिखने वाले माने जाते हैं – पीला और नारंगी। यूरोप में, लगभग 80 प्रतिशत ट्रेन या तो नारंगी होती हैं या उनमें पीले और नारंगी का संयोजन होता है।’ उन्होंने कहा, ‘सिल्वर रंग जैसे और भी कई रंग हैं, जो पीले और नारंगी जैसे चमकीले होते हैं लेकिन अगर हम मानव आंखों की दृश्यता की दृष्टि से बात करें तो ये दो (नारंगी और पीले) रंग सबसे अच्छे माने जाते हैं।’ उन्होंने कहा कि इन्हीं कारणों से विमानों और जहाजों में ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग के होते हैं। मंत्री ने कहा, ‘यहां तक कि बचाव नौकाएं और जीवन रक्षक जैकेट भी नारंगी रंग की होती हैं जिनका इस्तेमाल राष्ट्रीय आपदा मोचन बल करता है’।
जानें किस रूट पर चली पहली नारंगी वंदे भारत ट्रेन
भारत की पहली नारंगी वंदे भारत ट्रेन 24 सितंबर को केरल के कासरगोड और तिरुवनंतपुरम के बीच शुरू हुई। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ 9 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। कासरगोड-तिरुवनंतपुरम 31वीं वंदे भारत ट्रेन थी, जिसे 19 अगस्त को तमिलनाडु के पेरंबूर स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में ट्रायल रन के लिए ट्रैक पर उतारा गया था।
कब चली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन?
देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी, 2019 को चली। पीएम मोदी ने इसे वाराणसी से हरी झंडी दिखाकर दिल्ली के लिए रवाना किया था। यह ट्रेन गुरुवार को छोड़कर हफ्ते में 6 दिन चलती है। फिलहाल पूरे देश में 34 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। इनमें सभी ट्रेनों को मेंटेनेंस की वजह से एक दिन का रेस्ट दिया जाता है।
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