पटना। लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा द्वारा ठाकुरों वाली कविता पाठ पर बिहार में सियासी बवाल खड़ा हो गया है। राजद सांसद मनोज झा ने संसद में महिला आरक्षण विधेयक को लेकर हुई बहस के दौरान एक कविता पढ़ी थी। इसी कविता को लेकर बवाल मचा हुआ है।
मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की ठाकुरों पर लिखी गई प्रसिद्ध कविता पढ़ी। हालांकि, उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि यह कविता किसी जाति विशेष के लिए नहीं है। बल्कि व्यवस्था के खिलाफ है। हम सभी के अंदर एक ठाकुर है, उसे मारना है। सदन में सुनाई गई इस कविता के बोल थे ‘चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का। भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का। बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी लेकिन फसल ठाकुर की। कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, गली मोहल्ले ठाकुर के, खेत खलिहान ठाकुर के। फिर अपना क्या, गांव, देश शहर? मैं फिर से क्लियरिफाई करता हूं। वो ठाकुर मैं भी हूं, वो ठाकुर संसद में है। वो ठाकुर विश्वविद्यालयों में है। वो ठाकुर विधायिका को कंट्रोल करता है। इस ठाकुर को मारो, जो हमारे अंदर है।’
पहले मनोज झा अपने अंदर के ब्राह्मण को मारें
इसके बाद तो आनंद मोहन अपनी ही पार्टी आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा पर गरम हो गए। उन्होंने एक टीवी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि ‘महिला बिल के सवाल पर लोगों ने सिर्फ भाषण दिए हैं। आनंद मोहन का खून बहा है, लवली आनंद की गिरफ्तारी हुई है।
आनंद मोहन के बेटे और आरजेडी से शिवहर विधायक चेतन आनंद ने मनोज झा को खूब कोसा है। उन्होंने कहा है कि ‘अगर आपको खून की जरूरत पड़ गई तो क्या आप ये देखेंगे कि खून ठाकुर का है, नहीं लेंगे। ठाकुर का टाइटिल समझते हैं? ठाकुर होता है देनेवाला। हमलोग तो भगवान श्रीकृष्ण को भी ठाकुर बोलते हैं। चले हैं ठाकुर मारने। हम तो चेतन आनंद लिखते हैं, आप क्यों मनोज झा लिखते हैं। ये ऐसे नहीं चलता। जब जब ऐसी बात आएगी, कहीं भी आएगी, किसी के द्वारा आएगी। चाहे वो मेरी पार्टी का ही क्यों न हो, हम विरोध करेंगे। वहीं अब आनंद मोहन की बेटी सुरभि आनंद ने मनोज झा को टैग करते हुए ट्वीट किया। इसमें उन्होंने कहा कि आपने संसद में अपने अंदर के ‘ठाकुर’ को मारने कि बात की थी ना, अब हमारी भी सुनिए,
ठाकुर होना आसान नहीं होता!
“कभी कासिम तो कभी गजनी से भिड़ा ठाकुर!
हार तो तय थी… पर लड़ा ठाकुर!
हारना ही था उसे, वो अकेला लड़ा था,
क्या जन्मभूमि ये तुम्हारी नहीं थी?
फिर क्यों अकेला लड़ा ठाकुर?
बीवी सती हुई, बच्चे अनाथ!!
हिन्दू तो बचा पर, भरी जवानी में
मरा ठाकुर!
सदियों से रक्त दे माटी को सींचा,
जन जन्मभूमि और धर्म की वेदी पर
मिटा ठाकुर!
जिनके लिए सब कुछ खोया,
क्यों उनकी ही नजरों में बुरा? फिल्मों का ठाकुर!
कहानियों-किस्सों का ठाकुर!
कविताओं का ठाकुर!
जब दुबक बैठे थे घरों में सब तमाशबीन,
तब पीढियां युद्धभूमि में बलिदान कर रहा था ठाकुर,
आज बुद्धिजीवी पानी पी पीकर बरगलाते और कोसते कि आखिर कौन है ये ठाकुर..?
कौन बताए उन्हें कि कफन केशरिया करके,
मूंछों पर ताव देकर मौत को गले लगाने वाला जांबाज ही था ठाकुर।”
इस मामले को लेकर उधर भारतीय जनता पार्टी ने भी राज्यसभा सांसद मनोज झा के बयान की निंदा की है। भाजपा ने कहा है कि राजद हमेशा से ही राजपूत विरोधी पार्टी रही है। भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि ‘आरजेडी वोट की राजनीति के लिए राजपूत समाज को बदनाम कर रही है।’ वहीं भाजपा विधायक नीरज बबलू ने भी मनोज झा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एक चैनल को दिए बयान में उन्होंने कहा कि ठाकुरों ने देश की रक्षा की है। अगर ठाकुर नहीं होते हिंदुस्तान का नाम कुछ और होता। मुगलों से लड़ाई में ठाकुरों ने कितनी कुर्बानी दी ।मनोज झा राजद के इशारे पर ऐसा बयान दे रहे हैं। अगर मेरे सामने ऐसा बयान देते तो पटक कर उनका मुंह तोड़ देता।
राजद का मनोज झा का समर्थन, कहा- वो ठाकुर अहंकार है…
इस विवाद को लेकर राजद ने सांसद मनोज झा समर्थन किया है। पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बुधवार को कहा कि सांसद झा के बयान की गंभीरता को कुछ तथाकथित लोगों ने नहीं समझा। मन के अंदर बैठा ठाकुर.. वो मेरे अंदर भी हो सकता है, किसी के अंदर हो सकता है। उन्होंने तो यह भी कहा झा जी ने कि यह मेरे अंदर भी हो सकता है। शक्ति सिंह यादव ने सवाल किया कि वो ठाकुर कौन है? उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि वो ठाकुर अहंकार है।
मनोज झा के भाषण को आरजेडी ने बताया शानदार, जानदार…
सांसद मनोज झा के संसद में दिए गए भाषण का वीडियो मंगलवार को आरजेडी के आधिकारिक हैंडल से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया गया। इस पोस्ट में मनोज झा के भाषण को शानदार, जानदार और दमदार बताया गया।
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