न्यूयार्क। खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या से भारत और कनाडा के रिश्तों में आए तनाव का असर संयुक्त राष्ट्र संघ यानी UN में दिखाई दे रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को UN की जनरल असेंबली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कनाडा का नाम लिए बिना कहा कि राजनीति के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देना गलत है।
असेंबली में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हम ये मानते हैं कि संप्रभुता का सम्मान जरूरी है, पर ये सम्मान चुनिंदा नहीं होना चाहिए। आतंकवाद, चरमपंथ और हिंसा पर एक्शन राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से नहीं लेना चाहिए। अपनी सहूलियत के हिसाब से क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं हो सकता। जब वास्तविकता, बयानबाजी से कोसों दूर हो जाए तो हमारे भीतर इसके खिलाफ आवाज उठाने का साहस होना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि वो दौर चला गया जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे और उम्मीद की जाती थी कि दूसरे भी उनके साथ आ जाएंगे। कोई भी नियम तभी कारगर साबित होते हैं, जब सभी पर बराबरी से लागू किए जाएं। इस दौरान उन्होंने भारतीय संसद में पास हुए महिला आरक्षण बिल का भी जिक्र किया। उन्होंने भारत की जी20 अध्यक्षता की तारीफ की और कहा- हमारी पहल से अफ्रीकन यूनियन संगठन का हिस्सा बना। ऐसा करके हमने पूरे महाद्वीप को एक आवाज दी, जो काफी समय से इसका हकदार रहा है।
हमें लीडिंग पॉवर बनने की आकांक्षा
विदेश मंत्री ने कहा कि गुटनिरपेक्षता के युग से, अब हम विश्व मित्र के युग में पहुंच गए हैं। जब हम लीडिंग पावर बनने की आकांक्षा रखते हैं तो हम बड़ी जिम्मेदारी लेने और अपना योगदान देने के लिए तैयार हैं। क्योंकि विश्व उथल-पुथल का असाधारण दौर देख रहा है। भारत के वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर विजन में केवल कुछ लोगों के छोटे फायदे नहीं बल्कि अनेक लोगों की चिंताएं शामिल हैं। कहा कि जयशंकर ने कहा- मैं एक ऐसे समाज के लिए बोलता हूं जहां प्राचीन परम्पराओं में लोकतंत्र की आधुनिक जड़ें गहराई तक हैं। हमारी सोच, नजरिया और काम ज्यादा जमीनी और कारगर हैं।
कनाडा पीएम ने लगाए थे आरोप
दरअसल, कनाडा की संसद के बाद 22 सितंबर को प्रधानमंत्री ट्रूडो ने UN में भी खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि कनाडा की धरती पर उसके नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के एजेंट शामिल हैं। ट्रूडो ने मांग की थी कि सच्चाई तक पहुंचने के लिए भारत सरकार उनका साथ दे। हालांकि भारत ने कनाडा के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
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