कासगंज। उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वायड की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है। आईएसआई हैंडलर्स को जानकारी देने वाले शैलेश कुमार उर्फ शैलेंद्र सिंह चौहान को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। सोशल मीडिया पर खुद को सैन्यकर्मी बताने वाले शैलेश को आईएसआई ने हनी ट्रैप के जरिए अपने झांसे में लिया, जिसके बाद वह पैसों के लालच में महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों और सेना के वाहनों के मूवमेंट के बारे में जानकारी भेजने लगा। उसके खिलाफ एटीएस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
शैलेंद्र सिंह चौहान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के पटियाली थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले जिनौल गांव का रहने वाला है। एडीजी कानून व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार ने बताया कि शैलेंद्र अरुणाचल प्रदेश में करीब 8 महीने सेना में पोर्टर का काम कर चुका है। इस समय वह सेना में किसी भी पद पर नहीं है। शैलेंद्र द्वारा सोशल मीडिया प्रोफाइल पर सेना में कार्यरत होने का भी दावा किया जा रहा है। शैलेंद्र ने शैलेश चौहान नाम से सोशल मीडिया पर अपनी प्रोफाइल बना रखी है। शैलेंद्र द्वारा सोशल मीडिया पर सेना की वर्दी में तमाम फोटो भी अपलोड किए गए हैं। पूछताछ के दौरान आरोप सही पाए गए हैं, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। शैलेंद्र के सभी सोशल मीडिया अकाउंट को भी पूरी तरह से बंद किया गया है। यह जांच की जा रही है सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से उसके टच में कौन-कौन आया था और वह किस-किस को यह जानकारियां भेज रहा था।
एडीजी ने बताया कि शैलेंद्र फेसबुक के माध्यम से हरलीन कौर और प्रीति नाम की दो फेसबुक आईडी से संपर्क में आया था। फेसबुक के बाद इन लोगों की बात व्हाट्सएप पर भी हुई। जिसके बाद प्रीति ने शैलेंद्र से कहा कि अगर वह सेना जुड़ी जानकारी देगा तो आईएसआई द्वारा उसे उसकी एवज में अच्छा पैसा दिया जाएगा। सूचना देने की एवड में शैलेंद्र को पहली बार ₹2000 भी प्रीति द्वारा ऑनलाइन भेजे गए थे।
रिमांड पर लेकर होगी पूछताछ
एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल की माने तो शैलेंद्र के पास जासूसी करने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। पूछताछ के दौरान उसने आरोप स्वीकारे भी है। कोर्ट में पेश करने के बाद शैलेंद्र को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी कि वह किस-किस के टच में है और कहां-कहां सी और देश की जानकारियां दे रहा था।
खुद को सैन्यकर्मी बताता है आरोपी
शैलेंद्र ने सोशल मीडिया पर जो अकाउंट बनाए थे उसमें उसने सैन्यकर्मी होने की बात कहीं। शैलेंद्र अक्सर सेना की वर्दी में सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर लगता था। ताकि वह यह जाहिर कर सके कि वह सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है। आईएसआई सूचनाओं भेजने की बात का खुलासा होने पर शैलेंद्र के सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स भी पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। एटीएस जांच कर रही है कि इन अकाउंट से कौन-कौन उसके टच में था।