ओटावा। कनाडा के प्रधानमंत्री संसद में भारत के खिलाफ अनर्गल बयान देने के बाद से ही घिरते जा रहे हैं। उनके फैसले ही उन पर भारी पड़ रहे हैं। कनाडा की संसद में जिस तरह एक पूर्व नाजी सैनिका का सम्मान किया गया है, उसके बाद ट्रूडो को अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। अब रूस ने भी कनाडा को जमकर फटकार लगाई है। इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कनाडा को जमकर लताड़ लगाई थी।
रूसी राजदूत ने स्पुतनिक से बातचीत में कहा, ‘दूतावास उचित आधिकारिक कदम उठाएगा। हम निश्चित रूप से कनाडा की सरकार से स्पष्टीकरण मांगेंगे।’ स्टेपानोव ने कहा कनाडा ‘नाजी अपराधियों का घर’ बन गया है। जो कुछ हुआ वह पूरी तरह से जानबूझकर किया गया था न कि यह कोई गलती नहीं है। यह सिर्फ पूर्व नाजी अपराधियों की सजा से मुक्ति, कनाडा की यूक्रेनी कांग्रेस की गतिविधियों का नतीजा है।
भारत ने भी फटकारा
वहीं, भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलिपोव ने लिखा, ‘कनाडा न केवल यूक्रेनी नाजियों के लिए हमेशा एक सुरक्षित स्वर्ग रहेगा। खड़े होकर एक नाजी वेटरन का ऐसे जय-जयकार करना सब कुछ बता देता है। भगवान का शुक्र है कि जेलेंस्की के दादाजी यह नहीं देख सके कि उनका पोता क्या बन गया है।’
दरअसल बीते 22 सितंबर को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कनाडा की संसद में भाषण दिया था। इसके तुरंत बाद दूसरे विश्व युद्ध में रूस के खिलाफ लड़ने वाले 98 साल के यारोस्लाव हुंका का सम्मान किया गया। इस दौरान कनाडाई सांसदों और जेलेंस्की ने मुट्ठी बंधे हाथ को उठाकर खड़े होकर हुंका को सम्मानित किया। इस अवसर पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी संसद में मौजूद थे।
इस घटना के कुछ ही देर बार हुंका के बारे में खुलासा हुआ कि वे हिटलर की सेना में थे और नाजियों की तरफ से दूसरे विश्व युद्ध में लड़े थे। इस खुलासे के बाद पूरी दुनिया में ट्रूडो सरकार की आलोचना शुरू होने लग गई और एक बार फिर से कनाडा को अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।
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