नई दिल्ली। महिला आरक्षण बिल बुधवार को लोकसभा से पास हो गया। इंडिया गठबंधन ने इस बिल का समर्थन किया है। इसी बीच जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में बोलना शुरू किया तो उन्होंने एक बार फिर अपने पुराने अंदाज में केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला। राहुल ने ओबीसी सेक्रेटरी को लेकर सरकार से एक नया सवाल दाग दिया। इस पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जवाब दिया।
जेपी नड्डा ने कहा, ‘मैं बार-बार बोलता हूं। लीडर को लीडर बनना पड़ेगा। ट्यूटर से नहीं चलता है काम। सिखाए गए बयान देने से नहीं चलता है काम। ट्यूटर अगर लीडर हो तब भी बात समझ में आती है…ये एनजीओ को लेकर आ जाते हैं…जिनको कोई जानकारी नहीं… वह आपको समझाते हैं और आप वही बोलते हो…।” नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के नेता ओबीसी की बात करते हैं जबकि भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में देश को ओबीसी समुदाय से पहला प्रधानमंत्री दिया।’
केंद्र सरकार में 27 मंत्री ओबीसी से हैं
जेपी नड्डा ने कहा, ‘‘आज केंद्र सरकार में 27 मंत्री ओबीसी से हैं, भाजपा के कुल 303 सांसदों में 29 प्रतिशत यानी 85 सांसद ओबीसी समुदाय के हैं, देश भर में भाजपा के 1358 विधायकों में 27 ओबीसी के हैं।” लोकसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके जितने सांसद हैं उनसे ज्यादा तो भाजपा के ओबीसी सांसद हैं।
पीएम मोदी पक्का काम करते हैं
उन्होंने कहा कि यह विधेयक लाकर भाजपा सरकार का इरादा कोई राजनीतिक लाभ लेना नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य सही मायने में महिलाओं का सशक्तीकरण करना का है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमको राजनीतिक लाभ लेना होता तो हम कह देते कि हम इसे अभी लागू करेंगे लेकिन सरकारें नियम-कानून से चलती हैं और उसकी कुछ सीमाएं होती हैं। मोदी जी जो काम करते हैं वह पक्का काम करते हैं, कच्चा नहीं करते हैं। पक्के तरीके से महिलाओं का सशक्तीकरण किया जा रहा है।”
इससे पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में कहा, ’90 सचिव जो केंद्र सरकार को चला रहे हैं। इसमें से कितने ओबीसी हैं? केवल तीन ओबीसी से आते हैं। यह सेक्रेटरी पांच प्रतिशत ही बजट कंट्रोल करते हैं। इसके साथ ही गांधी ने कहा था कि परिसीमन और जनगणना पूरी होने के प्रावधान के बजाय इसे फौरन लागू किया जाना चाहिए। जब भी विपक्ष जातीय जनगणना की बात करता है, तब भटकाने वाले मुद्दे लाए जाते हैं।
Discussion about this post