दिल्ली। राजधानी दिल्ली में पड़ोस में रहने वाले दो परिवारों को आपस में उलझना खासा भारी पड़ा है। विवाद के बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया था। दोनों परिवारों को लगा कि राजीनामा नहीं किया तो जेल जाना पड़ेगा। लिहाजा स्टांप पेपर पर सुलहनामा लिख वो कोर्ट पहुंच गए। जज ने दोनों के बीच हुई सुलह पर कानूनी मुहर तो लगा दी पर दोनों को थानों की सफाई के काम पर लगा दिया।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सौरभ बनर्जी ने अपने फैसले में कहा कि हम आपके सुलहनामे को मान रहे हैं। लिहाजा दोनों की तरफ से आईपीसी की धारा 308 के तहत दर्ज कराई गई क्रास FIR खारिज कर रहे हैं। लेकिन आप 24 लोगों को हम चार ग्रुपों में बांट रहे हैं। आपको तीन दिनों तक चार थानों की पूरी तरह से सफाई करनी होगी। हम आपको ये आजादी देते हैं कि आप अपने हिसाब से थानों का चयन कर लीजिए। रोचक बात है कि जस्टिस ने दोनों पार्टियों पर एक और शर्त थोप दी। जब तक इन्वेस्टिगेशन अफसर संतुष्ट नहीं होगा तब तक काम पूरा नहीं माना जाएगा।
हफ्ते में तीन दिनों तक दिल्ली के तीन थानों में लगानी होगी झाड़ू
जस्टिस ने सफाई के लिए जिन थानों का चयन किया उनमें नबी सराय, महरौली, फतेहपुर बेरी और मैदानगढ़ी का थाना शामिल है। सफाई का काम हफ्ते में तीन दिन सोमवार, रविवार और गुरुवार को किया जाएगा। कोर्ट ने ये भी आजादी दी कि हर शख्स अपने हिसाब से ग्रुप का चयन कर सकता है। हरेक को ये अधिकार दिया जा रहा है कि वो अपनी मर्जी और सहूलियत से तय करे कि कौन से ग्रुप में रहकर वो सफाई करेगा।
दोनों की तरफ से जुलाई में महरौली थाने में दर्ज कराया गया था केस
कोर्ट में पेश मामले के मुताबिक दो परिवार एक दूसरे के अगल-बगल में रहते हैं। दोनों के बीच पहले मामूली विवाद था। उसके बाद झगड़ा बढ़ा तो एक रात दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर जमकर पत्थर बरसाए। पुलिस पहुंची तो दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। दोनों की तरफ से इसी साल जुलाई के दौरान महरौली पुलिस थाने में केस दर्ज कराया गया था। हाईकोर्ट ने बीती 15 सितंबर को ये आदेश जारी किया था।
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