बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में पुलिस ने एक पुराने शिव मंदिर में नमाज पढ़ने के आरोप में एक मुस्लिम महिला और उसकी बेटी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मंदिर में नमाज पढ़ने के लिए उकसाने के आरोप में एक मौलवी को भी अरेस्ट किया है। जांच में सामने आया कि मौलाना ने ही मां-बेटी को मंदिर में नमाज पढ़ने के लिए बरगलाया था। वहीं, गांव में तनाव को देखते हुए रविवार को पुलिस बल तैनात है।
सोशल मीडिया में एक वायरल वीडियो में साफतौर पर प्राचीन शिव मंदिर का दृष्य नजर आ रहा है। इसमें दिख रहा है कि समुदाय विशेष की दो महिलाएं आती हैं और वहां बैठकर नमाज पढ़ने लग जाती हैं। उन्हें ऐसा करते देख मंदिर में मौजूद कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाया, फिर इन महिलाओं को रोकते हुए इनसे पूछताछ की। महिलाओं का कहना है कि मौलवी ने उन्हें इस मंदिर के बारे में बताया था। कहा था कि यहां बैठकर नमाज पढ़ने से उनकी सारी बाधा खत्म हो जाएगी।
जांच में पता चला कि यह वीडियो भुता पुलिस थाना क्षेत्र के केसरपुर गांव है। केसरपुर गांव के प्रधान प्रेम सिंह ने कहा, “हमने घटना का एक वीडियो बनाया है। इसे तत्काल पुलिस हस्तक्षेप के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय और राज्य पुलिस प्रमुख विजय कुमार को भेजा है।”
भुता पुलिस स्टेशन के प्रभारी राजेश कुमार मिश्रा ने कहा, “तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 295 ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक चीजों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने का इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि गांव में हिंदू-मुस्लिम की मिश्रित आबादी है। गांव में किसी तरह की अप्रिय घटना हो, इसके लिए पुलिस और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है।
पुलिस ने कहा कि आरोपी 45 वर्षीय सजीना और उसकी 19 वर्षीय बेटी सबीना ने बताया कि उसको मौलवी चमन शाह ने ऐसा करने के लिए कहा था। जिसके बाद उन्होंने मंदिर में नमाज पढ़ी। पुलिस ने बताया कि सजीना और सबीना दोपहर में शिव मंदिर पहुंचीं और अचानक मंदिर परिसर में नमाज पढ़ने लगीं। पुलिस ने कहा कि वहां मौजूद लोगों ने विरोध किया, लेकिन दोनों नमाज पढ़ने की जिद पर अडी रहीं और नमाज पढ़ना जारी रखा।
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