वाशिंगटन। जी-20 बैठक से अमेरिका लौटते ही राष्ट्रपति जो बाइडेन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के रिपब्लिकन स्पीकर केविन मैक्कार्थी ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर महाभियोग की जांच को हरी झंडी दे दी। स्पीकर के इस फैसले को 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले काफी अहम माना जा रहा है।
रॉयटर्स के मुताबिक बाइडेन पर उप-राष्ट्रपति रहते हुए 2009-17 के बीच अपने बेटे हंटर को बिजनेस डील्स में फायदा पहुंचाने के आरोप लगे हैं। अब इसके लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में औपचारिक प्रस्ताव लाया जाएगा। मैक्कार्थी ने कहा, ‘ये सत्ता के दुरुपयोग, व्यवधान और भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप हैं, जिनकी प्रतिनिधि सभा द्वारा गहन जांच किए जाने की जरूरत है।’ कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व करने वाले मैक्कार्थी ने सदन में कहा कि वह प्रतिनिधि सभा की निगरानी समिति को राष्ट्रपति बाइडन के खिलाफ औपचारिक महाभियोग जांच शुरू करने का निर्देश देने की घोषणा करते हैं। वहीं, व्हाइट हाउस ने मैक्कार्थी के कदम की आलोचना करते हुए राष्ट्रपति चुनाव अभियान के बीच में की गई इस कार्रवाई को सबसे निचले स्तर की राजनीति बताया।
क्या बोला व्हाइट हाउस
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता इयान सैम्स ने कहा, ‘प्रतिनिधि सभा के रिपब्लिकन नेता नौ महीने से राष्ट्रपति के खिलाफ जांच कर रहे हैं और उन्हें गलत कृत्यों के संबंध में कोई सबूत नहीं मिला है।’ व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने मैक्कार्थी के पिछले बयानों की तरफ इशारा किया, जिनमें उन्होंने जोर देकर कहा था कि एक स्पीकर एकतरफा महाभियोग जांच शुरू नहीं कर सकता है या ऐसी जांच की कोई कानूनी वैधता नहीं होगी। सैम्स ने कहा कि मैक्कार्थी अपने बयान से पलट गए हैं, क्योंकि उनके पास पर्याप्त समर्थन नहीं है।
क्या है महाभियोग
महाभियोग, अमेरिका के राष्ट्रपति, उनके कैबिनेट अधिकारियों या फिर न्यायाधीशों की तरफ से होने वाले संभावित गलत कार्यों की जांच है। यह प्रक्रिया संविधान में लिखी गई है और यह कांग्रेस की कार्यकारी शाखा पर सबसे शक्तिशाली नियंत्रण है। प्रतिनिधि सभा के पास एक संघीय अधिकारी पर महाभियोग चलाने की शक्ति है। जबकि सिर्फ सीनेट के पास किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने और पद से हटाने की क्षमता है। आज तक, किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए व्हाइट हाउस से बाहर नहीं किया गया है। लेकिन पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने सन् 1974 में इस्तीफा दे दिया था। सदन उनके खिलाफ महाभियोग पर वोटिंग की तैयारी कर रहा था और इससे पहले ही निक्सन ने पद छोड़ दिया था।