दिल्ली। बेहद दुर्लभ किस्म की बीमारी एसएमए (स्पाइनल मस्कुलर एट्राफी) से पीड़ित डेढ़ साल के कनव को 17.5 करोड़ का इंजेक्शन लग गया है। कनव को जन्म से ही एसएमए नामक गंभीर बीमारी है। बच्चे को लगने वाले इंजेक्शन के लिए क्राउड फंडिंग के जरिए पैसे जुटाए गए। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद संजीव अरोड़ा और संजय सिंह ने भी पैसे इकट्ठे करने में मदद की। इंजेक्शन लगने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बच्चे के घर जाकर उसका हालचाल जाना।
दिल्ली के नजफगढ़ के रहने वाले बच्चे का नाम कनव जांगड़ा है। उसके पिता का कहना है कि बच्चे के पैरों में मूवमेंट नहीं था। ये समस्या धीरे-धीरे बढ़ रही थी। बीमारी पेट तक पहुंच गई। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में जांच कराई गई तो पता चला कि बच्चे को रेयर बीमारी है। इसका नाम SMA-1 यानी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी टाइप 1। ये एक ऐसी बीमारी है, जो दुनिया के दस हजार बच्चों में से किसी एक में पाई जाती है। ये एक जेनेटिक डिसऑर्डर होता है, जिसमें नर्व सेल्स (नसों) पर असर पड़ता है। ये नर्व सेल्स ही मोटर न्यूरॉन्स को प्रभावित करती हैं। इसके चलते मसल्स कमजोर होती हैं और मूवमेंट कम होता जाता है। साथ ही पाचन क्रिया पर भी असर पड़ता है। इसके लिए बच्चे को 17.5 करोड़ का इंजेक्शन लगना था, जो भारत में नहीं मिल रहा था। इस इंजेक्शन को अमेरिका से मंगवाया गया। अमेरिकी कंपनी ने 17.5 करोड़ का इंजेक्शन 10.5 करोड़ में ही दे दिया। भारत ने भी इस पर लगाने वाली ड्यूटी हटा दी।
टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमित जांगड़ा ने कहा, “मैं दान देने वाले सभी लोगों को पर्याप्त धन्यवाद नहीं दे सकता हूं। मेरे लिए इतनी बड़ी राशि जुटाना असंभव था। मेरे बेटे को 13 जुलाई को खुराक मिली और अब एक के बाद एक उसके पैर चलने लगे हैं और वह बैठ पा रहा है।” जांगड़ा ने बताया कि कानव जब सात महीने का था, तब उसे एसएमए टाइप 1 का पता चला।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को नजफगढ़ स्थित कनव के घर जाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। कानव के माता-पिता से बातचीत के बाद केजरीवाल ने कहा कि इंजेक्शन की जरूरत थी, जिसे अमेरिका से आयात करना पड़ा। सांसद संजीव अरोड़ा और संजय सिंह के प्रयास और जनता के सहयोग से कानव को यह इंजेक्शन लगाया गया है। सीएम ने कहा, ”मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने कानव की मदद की।”
केजरीवाल ने कहा, “केंद्र सरकार ने इंजेक्शन पर आयात शुल्क में ढील दी और हम उनके प्रति भी आभार व्यक्त करते हैं। इस मदद और इंजेक्शन के कारण कानव की हालत में काफी सुधार हुआ है। अब उसके हाथ एक सामान्य बच्चे की तरह प्रभावी ढंग से काम कर रहे हैं। उसके पैर भी काम कर रहे हैं। मैं कानव के लंबे, स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना करता हूं।”
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