गाजियाबाद। विजयनगर थाना क्षेत्र में एक बच्चे की सोमवार को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। स्वजन का आरोप है कि किशोर को डेढ़ माह पहले कुत्ते ने काटा था। तीन दिन पहले उसकी तबीयत बिगड़ी। इसके बाद अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने बताया कि रेबीज का संक्रमण हो गया है। बच्चे ने एम्बुलेंस में अपने पिता की गोद में दम तोड़ दिया। पीड़ित परिजनों की मांग है कि जिस महिला ने कुत्ते पाल रखे हैं, उस पर कड़ी कार्रवाई हो।
चरण सिंह कॉलोनी में निवासी याकूब कामगार हैं। उनके तीन बेटी और दो बेटे हैं। बड़े बेटे शावेज की शनिवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। याकूब के चाचा मतलूब ने बताया कि शावेज बदहवास हो रहा था और उसे सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। उन्होंने बताया कि डेढ़ माह पहले मोहल्ले के एक पालतू कुत्ते ने उसके काट लिया था। शावेज को तुरंत अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने कहा कि रेबीज के संक्रमण के लक्षण लग रहे हैं। उनके पास इसका इलाज नहीं है।
मतलूब अहमद ने बताया कि तीन दिन से हम लोग एम्बुलेंस लेकर जीटीबी दिल्ली, एम्स दिल्ली सहित मेरठ-गाजियाबाद के हॉस्पिटलों में घूमते रहे। किसी ने शावेज को भर्ती नहीं किया और उसे लाइलाज घोषित कर दिया। किसी ने हमें बताया कि देसी दवाइयों से बुलंदशहर में एक वैद्य इलाज करता है। सोमवार रात 8 बजे हम पोते को उस वैद्य के यहां दिखाकर एम्बुलेंस से गाजियाबाद लौट रहे थे। रास्ते में ही पोते ने दम तोड़ दिया।
डेढ़ महीने पहले कुत्ते ने काटा था
मतलूब अहमद ने बताया, “हमने पोते से जब पूछा तो उसने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले पड़ोस में रहने वाली आंटी के कुत्ते ने उसको काट लिया था। डर के मारे उसने ये बात घर पर नहीं बताई। जिस वजह से बच्चे को तुरंत उचित इलाज नहीं दिया जा सका।
उन्होंने बताया कि चार दिन पहले यानी 1 सितंबर को उनके 14 साल के बेटे अजीबो-गरीब दिक्कतें होनी शुरू हो गईं। उसको पानी देखने से डर लगने लगा। खाना-पीना बंद कर दिया। कभी-कभी भौंकने जैसे आवाजें भी मुंह से निकलने लगीं। जब बच्चे में लक्षण दिखने शुरू हो गए, तब हमें पता चला। आरोप है कि मोहल्ले में रहने वाली एक महिला आवारा कुत्तों को खाना खिलाती हैं। कुत्तों को भगाने पर वह लोगों को धमकी देती हैं। इससे पहले भी कुत्ते कई महिलाओं को काट चुके हैं।
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