इम्फाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को एडिटर्स गिल्ड के मेंबर्स के खिलाफ FIR दर्ज कराई। गिल्ड पर राज्य में हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश का आरोप है। इसने एक रिपोर्ट में सरकार की लीडरशिप को पक्षपाती बताया था। इस मामले में एडिटर्स गिल्ड की तरफ से अब तक कोई रिएक्शन नहीं आया है।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि ‘मैंने एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों को चेतावनी भी दी है कि अगर वह कुछ करना चाहते हैं तो पहले हिंसाग्रस्त जगहों का दौरा करें और जमीनी हकीकत देखें। सभी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात करें और उसके बाद कोई रिपोर्ट बनाएं। सिर्फ कुछ वर्ग के लोगों से मिलकर किसी परिणाम पर पहुंचना निंदनीय है। राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जो राज्य में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।’
जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है, उनमें एडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्य-सीमा गुहा, भारत भूषण तथा संजय कपूर शामिल हैं। गुहा, भूषण और कपूर ने जातीय हिंसा पर मीडिया रिपोर्ट्स का अध्ययन करने के लिए पिछले महीने राज्य का दौरा किया था।
पीसीआई ने एडिटर्स गिल्ड प्रमुख और सदस्यों के खिलाफ FIR वापस लेने की मांग की
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने सोमवार को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की तथ्यान्वेषी समिति के तीन सदस्यों और उसके प्रमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की निंदा की है। पीसीआई ने कहा कि यह राज्य में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने के बजाय संदेशवाहक को गोली मारने का मामला है। हम मांग करते हैं कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्यों के खिलाफ एफआईआर तुरंत वापस ली जाए।
3 मई से जारी हिंसा में 160 से ज्यादा मौतें
राज्य में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से जारी हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने बताया था कि मणिपुर में 6 हजार 523 FIR दर्ज की गई हैं। इनमें से 11 केस महिलाओं और बच्चों की हिंसा से जुड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 7 अगस्त को कहा था कि मणिपुर हिंसा से जुड़े मामलों की जांच 42 स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीमें (SIT) करेंगी।
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