गाजियाबाद। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने 2 सितंबर को सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी। डासना देवी मंदिर के पीठाधीश्वर और श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने सोमवार को उनके बयान पर नाराजगी जताई। उन्होंने अपने शिष्यों के खून से सर्वोच्च न्यायालय को पत्र लिख कर आतंकी सगंठन आईएसआईएस और उदयनिधि स्टालिन के कारनामों पर ध्यान देने की गुहार लगाई है।
महामंडलेश्वर ने पत्र में बताया, ISIS भारत के इस्लामिक जिहादियों को हिन्दुओं को जलाने और मूर्तियों को तोड़ने का आदेश दे रहा है। ये ही इस्लाम की सच्चाई है। उदयनिधि स्टालिन जैसे लोग इसी कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। ये लोग केवल बोल नही रहे हैं, बल्कि अपनी पूरी ताकत इसके लिये लगा रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय सहित भारत की सभी संवैधानिक संस्थायें विधायिका, कार्यपालिका,न्यायपालिका, पत्रकारिता इनके इन लक्ष्यों और कृत्यों की अनदेखी कर रही हैं। ये सभी संस्थाएं उन हिन्दुओं को कुचलने में लगी है, जो दुनिया को इस्लाम की सच्चाई बताकर मानवता की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं।
यति नरसिंहानंद गिरि ने सर्वोच्च न्यायालय से यह भी प्रश्न किया कि क्या वो इसी को न्याय समझता है कि हिन्दुओं को कुचला जाता रहे और उन्हें इस्लामिक जिहादियों के हाथों मरवा दिया जाए? उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से यह भी अनुरोध किया कि उनके इस पत्र को सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना ना समझ लिया जाए।
क्या है मामला?
उदयनिधि स्टालिन 2 सितंबर को चेन्नई में एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहां स्पीच के दौरान उन्होंने सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की। उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की। उदयनिधि ने कहा- मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है।
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