लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की ‘हिंदू राष्ट्र’ टिप्पणी की आलोचना की। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भारत कभी भी हिंदू राष्ट्र नहीं था।’
स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, “भारत एक हिंदू राष्ट्र नहीं है, और यह कभी नहीं था। भारत स्वाभाविक रूप से एक बहुलवादी राष्ट्र है। हमारा संविधान एक धर्मनिरपेक्ष राज्य के विचार पर आधारित है। भारत में सभी लोग भारतीय हैं। हमारा भारतीय संविधान सभी धर्मों, आस्थाओं, संप्रदायों और संस्कृतियों के प्रतिनिधित्व का प्रतिनिधित्व करता है।” इससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने वन नेशन- वन इलेक्शन पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने केंद्र कए इस निर्णय को संविधान विरोधी बताया था। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “वन नेशन-वन इलेक्शन लोकतंत्र की हत्या कर राजतन्त्र की स्थापना का सरकार का कुत्सित प्रयास है, यह निर्णय संविधान विरोधी है। सरकार के इस निर्णय की घोर भर्तस्ना करता हूं। लोकतंत्र को बचाने के लिये सभी को एकजुट हो जाना चाहिए, गफलत में रहोगे तों संविधान बदल देंगे।’
बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और सभी भारतीय हिंदू हैं। हिंदू सभी भारतीयों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने लोगों की अपेक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि संघ को इस सबके बारे में सोचना चाहिए। भागवत ने कहा था कि हिन्दुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है और यह एक सच्चाई है। वैचारिक रूप से, सभी भारतीय हिंदू हैं और हिंदू का मतलब सभी भारतीय हैं।
वे सभी जो आज भारत में हैं, वे हिंदू संस्कृति, हिंदू पूर्वजों और हिंदू भूमि से संबंधित हैं, इनके अलावा और कुछ नहीं। भागवत ने कहा, कुछ लोग इसे समझ गए हैं, जबकि कुछ अपनी आदतों और स्वार्थ के कारण समझने के बाद भी इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ लोग या तो इसे अभी तक समझ नहीं पाए हैं या भूल गए हैं। उन्होंने कहा था कि हमारी विचारधारा की दुनियाभर में बहुत मांग है। वास्तव में इस विचारधारा का कोई विकल्प नहीं है।
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