नई दिल्ली। वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए केंद्र सरकार ने एक कमिटी का गठन कर दिया है। यह कमिटी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित की गई है। थोड़ी देर में इस कमिटी के सदस्यों का ऐलान होगा। इस संबंध में जल्दी ही नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। जिसके बाद से ही चर्चाएँ हैं कि सरकार संसद में वन नेशन वन इलेक्शन का बिल लेकर आ सकती है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को इस मुद्दे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।मुंबई में विपक्षी गठबंधन इंडिया में हिस्सा लेने पहुंचे मल्लिकार्जुन खड़गे से सवाल किया गया कि सरकार स्पेशल सेशन बुला रही है और ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल ला सकती है। इस पर उन्होंने कहा, ‘उन्हें लाने दीजिए, लड़ाई जारी रहेगी।” इससे पहले टीएमसी चीफ ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेता समय से पहले लोकसभा चुनाव होने की आशंका जता चुके हैं।
लॉ कमीशन ने क्या कहा था?
लॉ कमीशन ने साल 1990 में एक रिपोर्ट में एक देश, एक चुनाव का समर्थन किया था। लॉ कमीशन ने दलीय सुधारों की बात कही थी और नोटा का विकल्प देने के लिए कहा था।
दुनिया के कई देशों में लागू है यह सिस्टम
बता दें, दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां एक देश, एक चुनाव का सिस्टम लागू है। जिसमें- स्पेन, हंगरी, जर्मनी, पोलैंड, इंडोनेशिया, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका, स्लोवेनिया और अल्बानिया जैसे देश शामिल हैं। इस लिस्ट में हाल में स्वीडन भी शामिल हुआ है।
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