गाजियाबाद। रक्षाबंधन के दिन सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम ने पिता की डांट से गुस्सा होकर मकान की चौथी मंजिल पर आत्महत्या करने पहुंची किशोरी को भाई बनकर बचा लिया। ACP ने रक्षा बंधन का हवाला देते हुए खुद को भाई बताया और भरोसा दिया कि अगर वो नीचे उतरेगी, तो वो न केवल राखी बंधवाएंगे बल्कि बहन मानकर खुद उसकी समस्या हल करेंगे। आखिरकार, युवती मान गई और नीचे उतर आई।
इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र की एक कॉलोनी निवासी छात्रा की मां का पिछले महीने देहांत हो गया था। घर में पिता और अन्य सदस्य हैं। बृहस्पतिवार काे छात्रा घर में थी। तभी पिता ने उसे पढ़ाई के लिए डांट लगा दी। इससे क्षुब्ध होकर वह बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर चढ़ गई और पानी की टंकी की बाउंड्री वाॅल पर जाकर खड़ी हो गई। छात्रा जोर-जोर से आत्महत्या के लिए चिल्लाने लगी। लोगों ने उसे देखकर शोर मचाया और बचाने के लिए दौड़ पड़े। इस बीच उसने किसी को भी पास आने पर कूदने की धमकी दी। किशोरी किसी की बात सुनने को तैयार नहीं हुई।
सूचना पर शाम करीबन 6 बजे सहायक पुलिस आयुक्त इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। वह तुरंत पड़ोसी की छत पर पहुंच गए और लड़की से बातचीत करने का प्रयास करने लगे। उन्होंने छात्रा से उसका नाम पूछा और उसकी परेशानी के बारे में जाना। किशोरी का कहना था कि उसका कोई नहीं है। तभी एसीपी ने कहा कि आज रक्षाबंधन है ले राखी बांध आज से मैं तेरा बड़ा भाई हूं। सबके सामने कह रहा हूं तेरी पढ़ाई से लेकर सुरक्षा का जिम्मा हमारा है। हम सब मिलकर तेरी मदद करेंगे। किशोरी की बात समझ में आई और वह दीवार से नीचे उतरी। नीचे उतरने के बाद वह बेहोश हो गई। उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
करीब दो घंटे तक चला ड्रामा
शाम करीब छह बजे छात्रा को छत पर आत्महत्या का प्रयास करते देख लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस व अग्निशमन विभाग की टीम भी छात्रा को बचाने में जुटी थी। एसीपी ने छात्रा को कई बार खुद को उसका भाई बताकर विश्वास में लिया। फिर जब उन्होंने बड़ा भाई बनकर राखी बांधने के लिए बुलाया तो वह मान गई।
ACP ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि छात्रा दिल्ली के स्कूल में 10वीं क्लास में पढ़ती है। पिछले दिनों इसकी मां की मौत हो चुकी है। इसके बाद ये थोड़ा डिस्टर्ब चल रही थी। पढ़ाई के लिए पिता ने उसको डांट दिया। इससे परेशान होकर वो सुसाइड करने चौथी मंजिल पर चढ़ गई थी। फिलहाल पुलिस ने छात्रा के पिता को समझा दिया है। घरवालों को हिदायत दी गई है कि ऐसा कोई भी विवाद न होने पाए, जिससे कि परिवार में ऐसी नौबत दोबारा उत्पन्न हो।
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