गाजियाबाद। सिहानी गेट थाना क्षेत्र के तहसील सदर परिसर में वकील मनोज चौधरी उर्फ मोनू हत्याकांड में पुलिस में दोनों मुख्य आरोपितों जीजा अमित डागर व उसके भाई नितिन डागर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों के पास से हत्या में प्रयुक्त तमंचा व बाइक बरामद की गई है।
पुलिस ने बताया कि अमित डागर, नितिन डागर और पालू ने अधिवक्ता मनोज चौधरी हत्याकांड को अंजाम दिया था। तीनों ब्रेजा कार से तहसील पहुंचे थे। नितिन चैंबर के अंदर गया था, नितिन ने ही मनोज के गोली मारी थी। अमित और पालू चैंबर के बाहर खड़े रहे थे। इसके बाद तीनों कार से भाग गए। कार चिरंजीव विहार में अमित ने अपने घर पर खड़ी की। इसके बाद गांव दुहाई चले गए। वहां से पालू की कार से अलग-अलग ठिकाने बदलते रहे। पूछताछ में आरोपी अमित डागर ने बताया कि वह अपनी पत्नी सरिता से बेटी को घर भेजने के लिए कह रहा था कि हमारे घर में रक्षाबंधन का त्योहार हो जाएगा। लेकिन सरिता नहीं मानी और अपनी बेटी को नहीं भेजा। वहीं अमित ने सरिता के नाम करीब डेढ़ करोड़ रूपये कीमत के दो मकान खरीदें थे। अमित का कहना है कि सरिता उन्हें अपने भाई मनोज की मदद से बेचने का प्रयास कर रही थी। जिसका वह विरोध कर रहा था। इस पर गुस्साए अमित और नितिन ने दो दिन पहले मनोज की हत्या की साजिश रची।
एक दिन पहले रच ली थी हत्या की साजिश
अधिवक्ता मनोज चौधरी उर्फ मोनू की हत्या की साजिश उसके जीजा अमित डागर व उसके छोटे भाई नितिन डागर ने एक दिन पूर्व ही रच ली थी। इसके तहत दोनों ने तमंचे का इंतजाम किया। बुधवार सुबह ही अमित डागर अपने ग्रेटर नोएडा ऑफिस पहुंच गया और पुलिस से बचने के लिए उसने अपना मोबाइल फोन ऑफिस में ही छोड़ दिया।
क्या है पूरा मामला?
मूलरूप से मथुरा के रहने वाले अधिवक्ता मनोज चौधरी उर्फ मोनू वर्तमान में गोविंदपुरम जे-ब्लॉक में रहते थे। वह वर्ष 2008 से तहसील सदर में प्रैक्टिस कर रहे हैं। परिवार में चार बहन सरिता, सपना, कल्पना व ज्योति और पत्नी कविता दो बच्चे आरव व कनक हैं। पिता रनजीत सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस से उपनिरीक्षक के पद से सेवानिवृत थे और उनकी आठ वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है। बुधवार दोपहर करीब 2 बजे मनोज चौधरी (35) चैंबर नंबर-95 में खाना खा रहे थे। उनके साथ तीन अन्य लोग भी बैठे थे। तभी 2 अज्ञात युवक चैंबर में घुस आए। जब तक कोई कुछ समझ पाता, उन्होंने मनोज चौधरी की कनपटी पर गोली मारी और भाग गए।
इस मामले में मृतक वकील मोनू चौधरी की बहन सरिता ने अपने पति और देवर पर हत्या का आरोप लगाया था। इन दोनों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है। सरिता की शादी चिरंजीव विहार के रहने वाले अमित डागर से हुई थी। आरोप है कि अमित शराब पीने का आदी है और आए दिन नशे में उनके साथ मारपीट करता था। इसके चलते वह 24 जून को ससुराल छोड़कर मायके आकर रहने लगी थी। इसके बाद से अमित व उसका छोटा भाई नितिन आए दिन साले मनोज को जान से मारने की धमकी देते थे।
मुझे मार देता, भाभी का सुहाग क्यों उजाड़ा
सरिता ने बताया कि जनवरी माह में अमित डागर ने उन पर और उनके बेटे पर गोली चलाई तो वह मायके में आकर रहने लगी। जेल से छूटने के बाद अमित डागर उन पर घर आने का दबाव डालने लगा। बात न मानने पर अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा था। अगर उसे बदला लेना ही था तो मुझे मार देता। मेरी भाभी का घर क्यों उजाड़ा।
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