नई दिल्ली। चांद पर भारत के पहुंचने के बाद ISRO की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। इस बीच इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें उन्होंने दावा किया है कि पहले की सरकारों को इसरो पर विश्वास ही नहीं था।
एक इंटरव्यू के दौरान जब नंबी नारायणन से पूछा गया कि राजनीतिक पार्टियां चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का श्रेय लेने में जुटी हैं और इस पर आपका क्या कहना है, तो उन्होंने कहा कि ‘इसरो की शुरुआत में पूर्व की सरकारों की प्राथमिकता में अंतरिक्ष रिसर्च नहीं थी और इसरो को मिलने वाला बजट भी कम था। शुरुआत में रिसर्च के काम के लिए कारें या जीप भी उपलब्ध नहीं थी और सिर्फ एक बस थी, जो शिफ्ट में चला करती थी।’ नंबी नारायणन के दावे के अनुसार पूर्व की सरकारों को इसरो पर विश्वास ही नहीं था।’
वहीं इस मामले में बीजेपी ने ट्वीट कर कहा, ‘इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को सुनें। यह कांग्रेस शासन पर एक गंभीर आरोप है, जिसकी प्राथमिकताएं अलग थीं और उन्होंने अंतरिक्ष अनुसंधान को कभी भी प्राथमिकता नहीं दी, धन आवंटित नहीं किया। इसरो के पास अनुसंधान कार्य के लिए कोई जीप या कार नहीं थी। उनके पास सिर्फ एक बस थी, जो शिफ्टों में चलती थी। तब से अब तक…जब प्रधानमंत्री मोदी ने बजट में वृद्धि सुनिश्चित की है और हमारे वैज्ञानिकों के साथ खड़े हैं, उनकी सफलताओं और विफलताओं में, भारत के अंतरिक्ष मिशन ने एक लंबा सफर तय किया है।’
बीजेपी ने ट्वीट कर कहा, ‘जाने-माने इसरो वैज्ञानिक का कहना है कि वह विपक्ष के इस सवाल पर हैरान हैं कि पीएम मोदी इसरो में क्यों गए और उन्हें सम्मान क्यों मिला। हर जगह इसरो अध्यक्ष श्री एस सोमनाथ को उचित सम्मान मिला। सिर्फ इसलिए कि आप पीएम को पसंद नहीं करते, आप उन्हें बदनाम नहीं कर सकते। राष्ट्रीय परियोजना का श्रेय और किसे दिया जाना चाहिए? सिर्फ इसलिए कि विपक्ष उन्हें पसंद नहीं करता, वे उन्हें उनके पद से नहीं हटा सकते।’
नंबी पर बन चुकी है फिल्म
बता दें कि नंबी नारायणन इसरो के पूर्व वैज्ञानिक हैं। उनके ऊपर ऐक्टर आर माधवन अभिनीत फिल्म ‘रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट’ बन चुकी है। इस फिल्म को हाल ही में पुरस्कार भी मिला है। नंबी नारायणन को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में वह इन सभी आरोपों से बरी हुए हैं। नंबी का लिक्विड फ्यूल रॉकेट टेक्नोलॉजी लाने में भी काफी योगदान रहा है। उन्होंने 1970 में यह काम किया था, जिसका यूज बार में इसरो ने अपने विभिन्न रॉकेटों के लिए किया था।
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