मुंबई। मुंबई-जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन में अपने साथी और तीन अन्य यात्रियों की हत्या के आरोपी RPF कॉन्स्टेबल चेतन सिंह के नार्को टेस्ट पर मुंबई की एक कोर्ट ने रोक लगा दी है। 31 जुलाई को चलती ट्रेन में चार लोगों की हत्या के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने कहा कि आरोपी का जबरदस्ती नारको टेस्ट नहीं किया जा सकता क्योंकि चुप रहने का भी उसका अधिकार है।
जिस्ट्रेट ने कहा, मुझे जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपी से जब पुलिस कस्टडी में नार्को टेस्ट किए जाने की बात पूछी गई तो वह इसके लिए राजी था लेकिन अदालत के सामने उसने ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मेरे सामने जब हमने उससे टेस्ट कराए जाने की बात पूछी तो उसने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मना कर दिया चूंकि आरोपी नहीं चाहता है कि उसका ऐसा कोई टेस्ट किया जाए तो हम उसके साथ जबरदस्ती नहीं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि किसी पर इस तरह के टेस्टो को थोपा नहीं जा सकता। कोर्ट ने कहा, आरोपी इस तरह के टेस्ट के लिए तैयार नहीं है इसलिए हम उसके मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बता दें कि चेतन सिंह इस समय न्यायिक हिरासत में है। उसने ट्रेन के दो कोच में जाकर लोगों की हत्या कर दी थी। सबसे पहले उसने अपने सीनियर की हत्या की थी। इसके बाद तीन यात्रियों को भी मार दिया। हत्या के बाद चेतन सिंह के साथी जवानों ने बताया था कि वह अपने सीनियर से लगातार छुट्टी लेने की बात कह रहा था। वह ड्यूटी खत्म होने से पहले ही जाना चाहता था। उसका कहना था की तबीयत ठीक ना होने की वजह से वह पहले ही जाना चाहता है। हालांकि उसके सीनियर ने छुट्टी देने से इनकार कर दिया और कुछ देर आराम करने को कहा। इसके बाद उसने सर्विस राइफल से ही अपने सीनियर को निशाना बनाया और फिर तीन यात्रियों को भी मौत के घाट उतार दिया।
यह है मामला
गौरतलब है, 31 जुलाई को 34 वर्षीय चेतन सिंह ने अपने वरिष्ठ अधिकारी सहायक उप-निरीक्षक टीकाराम मीन सहित ट्रेन में यात्रा कर रहे तीन यात्रियों को गोली मार दी थी, जिससे तीनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। घटना पालघर के पास की है। यात्रियों ने मीरा रोड स्टेशन के पास आरोपी को उसके हथियार सहित भागते हुए पकड़ा था। आरोपी को बोरीवली कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश किया गया था, जहां से अदालत ने आरोपी चेतन को सात अगस्त तक रेलवे पुलिस की हिरासत में भेज दिया था।
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