जोहान्सबर्ग। ब्रिक्स के विस्तार को लेकर अंतिम फैसला हो चुका है। 5 देशों के संगठन ब्रिक्स में अब 6 देश और जुड़ जाएंगे। दक्षिण अफ्रीका में 15वीं ब्रिक्स समिट के आखिरी दिन संगठन में जुड़ने के लिए कुल 6 देशों को न्योता दिया गया है। इसी के साथ BRICS को BRICS PLUS नाम दिया गया है।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि विस्तार के पहले चरण में अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। नई सदस्यता 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी। दरअसल जोहान्सबर्ग में BRICS समिट में ब्रिक्स समूह का विस्तार प्रमुख विषय है। 40 से अधिक देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने में इच्छा व्यक्त की है। इनमें से 23 देशों ने तो इसकी सदस्यता के लिए आवेदन भी किया है। आवेदन करने वाले देशों में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अर्जेंटीना शामिल हैं।
ब्रिक्स में आमंत्रित हुए इन 6 देशों को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स के विस्तार पर साथी देशों में सहमति बनी है। भारत ने इसके विस्तार का हमेशा समर्थन किया है। पीएम मोदी ने कहा कि इन सभी देशों से हमारे गहरे और ऐतिहासिक रिश्ते हैं। मुझे खुशी है कि 3 दिन की बैठक में कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने ब्रिक्स के विस्तार को लेकर कहा कि इसमें शामिल सभी देश बड़ी अहमियत रखते हैं। उन्होंने बिक्स के विस्तार को ऐतिहासिक करार दिया।
जिनपिंग ने इस विस्तार को एक नई शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि हमारे इस संगठन का भविष्य उज्ज्वल है। मुझे पूरा भरोसा है कि जब तक हम एक मकसद से आगे बढ़ेंगे तो हम बेहतर काम कर पाएंगे।
क्या है ब्रिक्स?
ब्रिक्स दुनिया की सबसे तेज उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। BRICS में अभी 5 देश B से ब्राजील, R से रूस, I से इंडिया, C से चीन और S से साउथ अफ्रीका शामिल थे। अब इसमें 6 और देशों को शामिल किया गया है। यानी ब्रिक्स में अब कुल 11 सदस्य हो जाएंगे। साल 2006 में ब्रिक्स की पहली बैठक हुई थी। उसी साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान चार देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। जिसके बाद इस समूह को ‘BRIC’ नाम दिया गया था। ‘BRIC’ देशों की पहली शिखर स्तर बैठक साल 2009 में रूस में हुई थी। दूसरी शिखर बैठक साल 2010 ब्राजील के ब्रासिलिया में हुई। 2010 में ही इसमें साउथ अफ्रीका भी शामिल हो गया। उसके बाद से BRIC से BRICS बन गया, लेकिन इन छह नए देशों के शामिव होने के बाद इसको BRICS PLUS नाम दिया गया है।
Discussion about this post