नई दिल्ली। बोर्ड एग्जाम को लेकर शिक्षा मंत्रालय की ओर से आज बड़ा ऐलान किया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। यही नहीं कक्षा 11वीं और 12वीं में विद्यार्थियों को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर मिले यह सुनिश्चित करने के लिए वर्ष में कम से कम दो बार बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। छात्र तब उन विषयों में बोर्ड परीक्षा दे सकते हैं जब उन्हें लगता है कि वे परीक्षा देने के लिए तैयार हैं । यही नहीं उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने की भी अनुमति दी जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि बोर्ड पेपर के लिए, परीक्षण डेवलपर्स और मूल्यांकनकर्ताओं को यह कार्य करने से पहले विश्वविद्यालय-प्रमाणित पाठ्यक्रमों से गुजरना होगा। मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत कक्षा 11 और 12 में विषयों का चयन ‘स्ट्रीम’ तक सीमित नहीं रहेगा, छात्र-छात्राओं को पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी। कक्षाओं में पाठ्य पुस्तकों को ‘कवर’ करने की मौजूदा प्रथा से बचा जाएगा, पाठ्य पुस्तकों की कीमतों में कमी लाई जाएगी। स्कूल बोर्ड उचित समय में ‘मांग के अनुसार’ परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे।
कक्षा 11वीं-12वीं में होगी दो भाषाओं की पढ़ाई
कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को अब से दो भाषाएं पढ़नी होंगी और कम से कम एक भाषा भारतीय भाषा होनी चाहिए। वहीं, ये भाषाएं विषयों की पसंद स्ट्रीम तक सीमित नहीं होगी। इस संबंध में जल्द संबंधित बोर्डों की तरफ से भी निर्देश जारी किया जाएगा। माना जा रहा है कि NCF के ड्राफ्ट के बाद बोर्ड तैयारी में जुट जाएंगे।
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