कोटा। राजस्थान के कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या के मामलों ने सभी को झकझोर के रख दिया है। पिछले आठ महीने में 22 स्टूडेंट्स के सुसाइड से हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर चिंता जताई। इस दौरान उन्होंने कोटिंग संचालकों की फटकार भी लगाई। सीएम गहलोत ने अधिकारियों को इन्हें रोकने के लिए सुझाव देने के लिए एक कमेटी बनाने का आदेश दिया।
जयपुर में शुक्रवार को सीएम आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोचिंग संचालकों के साथ आपात बैठक की। इस दौरान कोचिंग संस्थान को रडार पर रखते हुए उन्होंने कहा कि एक भी बच्चे की मौत होती है, तो उससे क्या आघात होता है ये समझना होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों को कोचिंग संस्थानों में दाखिला दिलाकर मां-बाप अपराध कर रहे हैं। सीएम ने कहा, “यह माता-पिता की भी गलती है कि छात्रों पर बोर्ड परीक्षाओं को पास करने और प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने का बोझ है, यह सुधार का समय है क्योंकि हम युवा छात्रों को आत्महत्या करते हुए नहीं देख सकते। एक भी बच्चे की मौत माता-पिता के लिए बहुत बड़ी क्षति है।”
सीएम ने एक कमेटी गठित की, जो सभी वर्गों से सुझाव लेगी। 15 दिन में सरकार को रिपोर्ट दी जाएगी। सीएम बोले कि जिन अलग-अलग वर्ग से जो सुझाव मिलेंगे, उन्हें शामिल करके किस तरह से एक भी बच्चों की जान नहीं जाए, इसको लेकर रिपोर्ट तैयार की जाए। कमेटी की ये रिपोर्ट 15 दिन में सरकार को दी जाए, ताकि इसके आधार पर आगे की गाइडलाइन तैयार हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईआईटी का पहले जो जमाना था, अब वो नहीं रहा। ट्रेंड बदल रहा है। आईआईटी करने के बाद कंपनी बना ली जाती है। वह पॉलिटिकल सर्वे का कार्य करते हैं। राजनेताओं के चक्कर काटते हैं। चुनाव जिताने, हारने के लिए जो कंपनियां बनी हैं, वे आईआईटी के लोगों की टीम है।
2023 में अब तक 22 छात्र कर चुके हैं सुसाइड
अधिकारियों के मुताबिक इस साल अब तक कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बाईस छात्रों की आत्महत्या से मौत हो चुकी है। पिछले साल यह आंकड़ा 15 था। शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने भी कोचिंग संस्थानों से आग्रह किया कि वे “पैसे कमाने वाली मशीन” न बनें। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ राजस्थान की नहीं बल्कि पूरे देश की समस्या है।