गाजियाबाद में कारोबारी की हत्या, सड़क किनारे बोरे में मिला शव

गाजियाबाद। साहिबाबाद कोतवाली क्षेत्र में गुरुवार शाम एक कारोबारी का शव बोरे में मिलने से सनसनी फैल गई। हत्यारों ने लाश को बोरे में बंद कर दिया था। हत्या की वजह का अभी पता नहीं चल सका है। पुलिस की टीम मामले की जांच कर रही है।

हिंडन पुल चौकी के सामने दशमेश वाटिका के पास गुरुवार शाम एक दुकानदार ने सड़क किनारे एक स्कूटी मिली। वह स्कूटी के पास पहुंचा तो वहां कूड़े में बोरे पड़े हुए थे। एक बोरे के अंदर से आदमी का पैर निकल रहा था। शव को दो बोरे में रखा गया था। उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। युवक के सिर से खून निकल रहा था। उसका सिर फटा हुआ था। घटनास्थल पर मिले मोबाइल और स्कूटी के कागजात से शव की पहचान 30 वर्षीय दीक्षित पाल के रूप में हुई है। वो साहिबाबाद क्षेत्र में ही अंबेडकर कॉलोनी अर्थला का रहने वाले थे।

दीक्षित पाल के परिवार में पिता राजकुमार पाल, भाई मंजीत, मां, बहन और पत्नी छवि पाल व एक नौ महीने का एक बच्चा है। दीक्षित पाल वसुंधरा के एक मॉल में मोबाइल का कारोबार करते थे। साथ में फाइनेंस और ब्याज पर रुपये लेन-देन का काम करते थे। मंजीत ने बताया कि दीक्षित गुरुवार सुबह 10 बजे वह काले रंग की स्कूटी लेकर दुकान गए थे। दोपहर एक बजे खाना खाने घर आए थे कि कुछ देर बाद एक युवक ने उन्हें फोन किया था। उसके बाद वह घर से निकल गए थे। शाम पौने छह बजे पुलिस ने उन्हें घटना की सूचना दी। मंजीत ने बताया कि छोटे भाई की पत्नी छवि बच्चे के साथ बहन के गई हैं।

पुलिस को शक है कि दीक्षित पाल की हत्या कहीं और की गई है। इसके बाद उसके शव को बोरे में भरकर यहां लाया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर घटनास्थल पर हत्या की गई होती तो बोरे में शव को नहीं रखा जाता है। पुलिस दीक्षित पाल के घर और दफ्तर से जुड़ने वाली सड़कों का सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।

आखिरी बार फोन करने वाले को हिरासत में लिया
पुलिस ने दीक्षित पाल को आखिरी बार फोन करने वाले युवक को हिरासत में लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि उसने फोन क्यों किया था। हालांकि पूछताछ के बाद ही उसकी भूमिका का पता चलेगा।

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