नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को मिली अग्रिम जमानत को बुधवार को चुनौती देते हुए दावा किया कि उन्होंने जमानत की शर्तों का पालन नहीं किया। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने ईडी को एक हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने ईडी को अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया और मामले को सितंबर में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। ईडी ने इससे पहले उच्च न्यायालय से कहा था कि वह वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहता है और आरोप लगाया था कि मामले में ‘धन के लेन-देन की कड़ियों’ का उनसे सीधा संबंध है। उसने यह भी दावा किया था कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
रॉबर्ट वाड्रा लंदन में एक संपत्ति की खरीद से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं। इसकी अनुमानित कीमत 1.9 मिलियन पाउंड (17 करोड़ रुपये) है। यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत दर्ज किया गया है।
इसके विरोध में वाड्रा के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को जब भी बुलाया गया, वह ईडी के सामने पेश हुए। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी द्वारा सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का कोई जोखिम नहीं है, क्योंकि जांच एजेंसी ने मामले से संबंधित हर दस्तावेज पहले ही जब्त कर लिया है। उनके वकील ने कहा कि ईडी लगातार ‘मछली पकड़ने और तलाशने की जांच’ कर रही है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का समर्थन करने के लिए ईडी के पास साक्ष्य नहीं हैं।
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