नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल का नाम बदल दिया है। नेहरू मेमोरियल को अब से पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी कहा जाएगा। स्वतंत्रता दिवस पर नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप दे दिया गया है। वहीं इस फैसले पर कांग्रेस पार्टी भड़क गयी है, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर नेहरू विरासत को नष्ट करने का आरोप लगाया है।
पीएम म्यूजिएम एंड लाइब्रेरी की कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सोसायटी के लोकतंत्रीकरण और विविधीकरण के अनुरूप, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब 14 अगस्त 2023 से प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी है. स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!” वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘आज एक प्रतिष्ठित संस्थान को एक नया नाम मिला है। विश्व भर में प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी अब प्राइम मिनिस्टर्स मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से जाना जाएगा।’ उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधान मंत्री की होती है तो पीएम मोदी के पास भय और असुरक्षाओं का पिटारा रहता है।’
रमेश ने मोदी सरकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और उनकी विरासत को नकारना, बदनाम और नष्ट करना है। वह ‘एन’ शब्द हटाकर उसके स्थान पर ‘पी’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदारवादी नींव रखने में नेहरू की योगदान को हम नहीं भूलने देंगे। नेहरू ने देश की आजादी के लिए अहम योगदान दिया है।
जून में लिया गया था नाम बदलने का फैसला
जून 2023 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई एक विशेष बैठक में नेहरू स्मारक संग्रहालय का नाम बदलने का फैसला लिया गया था। हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में ए सूर्य प्रकाश ने बताया कि नाम बदलने की प्रक्रिया जून में शुरू हुई थी और ये मात्र संयोग है कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर यह काम पूरा हुआ।
क्यों लिया गया नाम बदलने का फैसला?
नई दिल्ली स्थिति तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास हुआ करता था। बाद में इस परिसर को संग्रहालय में बदल दिया गया और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी की स्थापना की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में एक विचार रखा था कि तीन मूर्ति परिसर के अंदर भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय होना चाहिए, जिसे नेहरू मेमोरियल की कार्यकारी परिषद ने मंजूर कर लिया।
साल 2022 में प्रधानमंत्रियों को समर्पित ये संग्रहालय बनकर तैयार हुआ, जिसके बाद अप्रैल 2022 में इसे जनता के लिए खोला गया। सभी प्रधानमंत्रियों का संग्रहालय होने की वजह से कार्यकारी परिषद ने महसूस किया था कि इसका नाम में वर्तमान स्वरूप की झलक दिखनी चाहिए। इसी वजह से बीते जून की बैठक में नाम बदलने का फैसला हुआ। पीएम मोदी के मुख्य सचिव रह चुके नृपेंद्र मिश्र पीएम म्यूजियम की कार्यकारी परिषद अध्यक्ष हैं।
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