सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन, दिल्ली AIIMS में ली अंतिम सांस

दिल्ली। सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार को निधन हो गया। डॉ. पाठक ने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिंदेश्वर पाठक के निधन पर दुख जताया है।

दिल्ली स्थित उनके ऑफिस में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान आज उनकी तबीयत बिगड़ी थी, तभी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके एक सहयोगी ने बताया कि पाठक ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके तुरंत बाद वे गिर गए, फिर उन्हें एम्स दिल्ली ले जाया गया। पाठक को दोपहर 1.42 बजे मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट था।

दुनियाभर में कमाया नाम
डॉ. बिंदेश्वर पाठक मूल रूप से बिहार के वैशाली जिला स्थित रामपुर बघेल गांव के रहने वाले थे। दिवंगत बिंदेश्वर पाठक ने वर्ष 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी। बिंदेश्वर पाठक की पहचान बड़े भारतीय समाज सुधारकों में से एक है।सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने पांच दशकों से अधिक समय तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी स्वच्छता आंदोलन के निर्माण के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनकी पहल की बदौलत सुलभ शौचालयों का जगह-जगह निर्माण संभव हो पाया। उनके योगदान ने उन लाखों गंभीर रूप से वंचित गरीबों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाया, जो शौचालय का खर्च नहीं उठा सकते थे।

पिछले 50 वर्षों में उन्होंने शौचालयों को साफ करने वाले, हाथ से मैला ढोने वालों के मानवाधिकारों के लिए अथक प्रयास किया है। उनके कार्यों का उद्देश्य हाथ से मैला ढोने वालों का पुनर्वास करना, कौशल विकास के माध्यम से वैकल्पिक रोजगार प्रदान करके उनकी गरिमा का ख्याल रखना था। वर्ष 1991 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। भारत में शौचालय क्रांति लाने वाले बिंदेश्वर पाठक को साल 2015 में ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था।

पीएम मोदी ने जताया दुख
डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी दुख जताया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन दिया। हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा। उनका काम कई लोगों को प्रेरणा देता रहेगा। इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ऊं शांति।’

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