नई दिल्ली। देश में बीते कुछ वर्षों में फेक न्यूज फैलाने की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है। फर्जी खबरों के कारण ही कई जगहों पर दंगे और हिंसक घटनाएं देखने को मिल चुकी हैं। मोदी सरकार अब फेक न्यूज के खिलाफ सख्त हो चुकी है, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 पेश किया। इसमें फेक न्यूज को लेकर भी सजा का प्रावधान किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 पेश किया। प्रस्तावित विधेयक को समीक्षा के लिए स्थायी समिति को भेजा गया है। विधेयक की धारा 195 के तहत एक प्रावधान है जो भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली ‘फर्जी खबर या भ्रामक जानकारी’ फैलाने वालों से संबंधित है। ऐसा करने वालों को तीन साल तक की कैद की सजा दी जाएगी। विधेयक की धारा 195 (1) डी में लिखा है, “यदि कोई भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झूठी या भ्रामक जानकारी बनाता है या प्रकाशित करता है, तो कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जाएगा।”
यह अनुभाग नए प्रस्तावित बिल के अध्याय 11 के तहत ‘सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराधों’ के तहत ‘राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल आरोप, दावे’ विषय के तहत शामिल है। ‘राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप, दावे’ से संबंधित प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी के तहत थे।
लोकसभा में पेश हुए तीन विधेयक
गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए जिनका उद्देश्य भारतीय नागरिकों को न्याय देना और संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों की रक्षा करना है। अमित शाह ने कहा कि तीन विधेयक – भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय सुरक्षा विधेयक 2023, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आजादी के दिन ली गई गुलामी के सभी लक्षणों को खत्म करने की प्रतिज्ञा को पूरा करता है। इस विधेयक के बाद अंग्रेजों द्वारा बनाए गए भारतीय दंड संहिता, 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, (1898), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 समाप्त हो जाएंगे।