दिल्ली। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने देश में कथित ‘नफरत की आंधी’ पर चिंता व्यक्त की। सैयद अहमद बुखारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश के मुसलमानों के ‘मन की बात’ सुनने की भी गुजारिश की। नूंह दंगों और चलती ट्रेन में एक रेलवे पुलिस जवान द्वारा चार लोगों की हत्या जैसी हालिया घटनाओं का पर सैयद अहमद बुखारी ने बात की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को हमारे समुदाय के बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत करनी चाहिए।
शाही इमाम ने कहा कि पूरे देश पर सांप्रदायिक शक्तियां हावी हैं। यह देश और समाज के लिए खतरनाक स्थिति है। नूंह, मेवात समेत हरियाणा के कई इलाकों में पंचायत करके मुसलमानों को धमकाया जा रहा है। हिंदुओं से कहा जा रहा है मुसलमानों का बॉयकॉट करो। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथियों ने देश के माहौल को खराब कर दिया है। उन्होंने पूछा कि क्या इसी काम के लिए इस देश को हमारे पूर्वजों ने कुर्बानी देकर आजाद कराया था।
इमाम बुखारी ने लोगों को आगाह किया कि वे सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि यह सब अगले साल होने वाले आम चुनावों के मद्देनजर किया जा रहा है। वे बोले, “हम सबको पता है कि सब कुछ चुनाव की वजह से कराया जा रहा है। कोई भी पार्टी हमेशा सत्ता में नहीं रहने वाली है। प्रधानमंत्री जी हालात को समझें और उस पर गौर करें। आजादी के 75 साल बाद भी मुसलमानों को न्याय नहीं मिला।”
उन्होंने कहा कि आज के समय में मुसलमानों की हालत दलितों से भी ज्यादा खराब है। देश के कई हिस्सों में हाल ही में हिंसा बेहद दुखद है। हममें से कोई भी इसका समर्थन नहीं करता है, लेकिन जो हुआ वह बेहद दर्दनाक और दुखद है। हिंसा में शामिल लोगों में इंसानियत नहीं है।