गाजियाबाद। बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले की मुख्य आरोपी रजनी प्रिया को सीबीआई ने गुरुवार को साहिबाबाद से गिरफ्तार किया है। इसके बाद रजनी को गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया और दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर बिहार ले जाया गया है। रजनी प्रिया छह साल से फरार थी। रजनी पहचान बदल कर रही थी। रजनी की गिरफ्तारी के दौरान उसके बंगले में रहने वाले दो स्टाफ से भी सीबीआई ने पूछताछ की। हालांकि बाद में दोनों को छोड़ दिया।
रजनी प्रिया राजेंद्र नगर के सेक्टर पांच में वेद एन्क्लेव अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली CBI ने 12 जून 2018 को रजनी प्रिया के खिलाफ IPC सेक्शन-420, 465, 468, 471, 477-ए और बिहार सहकारी समिति अधिनियम-1935 की धारा-45 में मुकदमा दर्ज किया था। करोड़ों रुपए के इस घोटाले में कुल 27 आरोपी हैं। इसमें 12 आरोपी बेउर जेल में बंद हैं, जबकि 7 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। 28 फरवरी 2023 को CBI कोर्ट ने भागलपुर (बिहार) के पूर्व DM केपी रमैया, घोटाले की किंगपिन मनोरमा देवी, पुत्र अमित कुमार और पुत्रवधु रजनी प्रिया का गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इनका कुर्की वारंट भी कोर्ट से जारी हो चुका था। अमित कुमार और उनकी पत्नी रजनी प्रिया की 13 प्रॉपर्टी को जब्त करने की कार्रवाई पहले हो चुकी है।
मास्क पहन कर ही घर से निकलती
राजेंद्र नगर के सेक्टर पांच में वेद एन्क्लेव अपार्टमेंट में रजनी प्रिया छिप-छिपकर रहती थी। वह घर से बाहर नहीं निकलती थी। कभी-कभार मास्क पहन कर ही निकलती थी। पड़ोस के लोगों ने बताया कि रजनी प्रिया करीब चार साल से यहां पर किराये के फ्लैट में रहती थी। उसके फ्लैट एक घरेलू सहायक और एक युवक रहता था। युवक को अपना बेटा बताती थी। उसके घर में एक घरेलू सहायक था। उसे भी बाहर नहीं जाने देती थी, जिसका वह विरोध करता था।
नहीं दिखाती थी किसी को अपना मुंह
वह किसी को अपना मुंह भी नहीं दिखाती थी। बहुत कम ही वह फ्लैट से निकलती थी। उस वक्त वह मास्क लगा लेती थी। कई बार उसे लोगों ने टोका भी था कि अब तो कोरोना नहीं है। फिर आप मास्क लगाए बिना घर से नहीं निकलती हो। इसके बाद भी उसने कभी मास्क नहीं हटाया। सोसायटी की विभिन्न समस्याएं होती है। यहां आरडब्ल्यूए या फिर एओए नहीं है। सोसाइटी के लोग ही मिलजुलकर सस्याओं को दूर कराते हैं। समस्याओं पर चर्चा करते हैं। कहने के बाद भी रजनी कभी चर्चा में शामिल नहीं होती थी। सोसाइटी का एक वॉट्सऐप ग्रुप हैं। कई बार उसे ग्रुप में जुड़ने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन उसने ग्रुप में जुड़ने से मना कर दिया था।
घरेलू सहायक ने कर दिया था विरोध
लोगों ने बताया कि वह घरेलू सहायक भी अपने साथ लाई थी। उसे केवल सामान लेने के लिए बाहर भेजती थी। इसके अलाव उसे घर से बाहर नहीं निकलने देती थी। कुछ दिन पहले घरेलू सहायक ने घर के बाहर जाने की जिद की। मना करने पर उसने विरोध कर दिया और हंगामा खड़ा का दिया। इसके बाद सहायक के साथ मारपीट की थी। इस दौरन पड़ोस लोग एकत्रित हो गए थे। लोगों ने रजनी को जमकर फटकार लगाई थी।
पति को डॉक्टर बताती
पड़ोस के लोगों ने बताया कि महिला उन्हें संदिग्ध लगती थी। जिस वजह से वह उसके बारे में पूछते रहते थे, लेकिन वह कुछ भी बताने से कन्नी काट देती थी। एक दिन पड़ोसी ने पूछा कि उनके घर में कोई ड्यूटी तो करता नहीं है, फिर घर कैसे चलता है। उसने जवाब दिया कि उसका पति आस्ट्रेलिया में डॉक्टर है। वह वहां से पैसे भेजते हैं। लोगों ने इस पर सवाल किया कि वह चार साल में एक भी यहां क्यों नहीं आए? उसने इसका कोई जवाब नहीं दिया और अपने फ्लैट में चली गई।
ऐसे किया गया सृजन घोटाला
सृजन घोटाला मामले पर सीबीआई ने 25 अगस्त 2017 को जांच शुरू की थी, जिसमें अब तक कई बैंक के अधिकारियों से लेकर क्लर्क तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। सरकारी पैसे को सृजन एनजीओ के खाते में ट्रांसफर कर बंदरबांट की गई थी। अगस्त 2017 के पहले हफ्ते में भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी आदेश तितरमारे के हस्ताक्षर वाले एक चेक को बैंक ने ये कह कर वापस कर दिया था कि आपके खाते में पर्याप्त राशि नहीं है। चेक सरकारी खाते का था। तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे के लिए ये हैरान करने वाली बात थी क्योंकि उनको जानकारी थी कि सरकारी खाते में पर्याप्त राशि है।
तीन दिन समझने में लगे थे घोटाले के तार
इसके बाद उन्होंने जांच के लिए एक कमेटी बनाई। मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसकी जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध इकाई के विशेष जांच दल भागलपुर पहुंचा। इसका नेतृत्व आईजी रैंक के पुलिस अफसर कर रहे थे। इस टीम को तीन दिन तो ये समझने में लग गए कि सरकारी खाते का पैसा एक एनजीओ के खाते में कैसे गया। उसके बाद एक के बाद एक कड़ी खुलने लगी। जिसके बाद उन्होंने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी गई।
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